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शिवपाल यादव की बंपर जीत, लेकिन चाचा-भतीजे की जोड़ी हुई फेल

Shivpal Singh ने 2019 के लोकसभा चुनाव में फिरोजाबाद सीट से समाजवादी पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ा था

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव ( UP Assembly ELection) के नतीजे समाजवादी पार्टी के लिए बेहद खराब रहे. लेकिन शिवपाल यादव के लिए थोड़ी राहत की खबर है. शिवपाल यादव ने जसवंतनगर से भारी वोटों से जीत हासिल की है. बीजेपी को भले ही शानदार जीत मिली हो, लेकिन वो समाजवादी पार्टी के इस गढ़ में इस बार भी सेंध नहीं लगा पाई. वैसे शिवपाल भले ही जीत गए हों, लेकिन भतीजे अखिलेश के साथ चुनाव लड़ने का उन्हें कोई खास फायदा मिला नहीं. बड़ी मुश्किल से यादव परिवार की अंदरुनी लड़ाई खत्म हुई थी और चाचा ने भतीजे अखिलेश यादव से हाथ भी मिलाया, लेकिन नतीजे देखकर तो वो हाथ ही मल रहे होंगे.

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2016 में अखिलेश यादव की सरकार में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव और उनके समर्थक कई मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था, उसके बाद अखिलेश और शिवपाल के बीच तल्खी बहुत बढ़ गई थी.

बाद में शिवपाल ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया नाम से एक अलग पार्टी बनाई. 2019 के लोकसभा चुनाव में वो फिरोजाबाद सीट से समाजवादी पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लंबे समय तक अलग रहने के बाद पिछले साल के अंत में शिवपाल और अखिलेश ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था.

जसवंतनगर विधानसभा सीट जसवंतनगर विधानसभा सीट

जसवंतनगर विधानसभा सीट पर हमेशा से यादव परिवार का कब्जा रहा है. 1980 के बाद से मुलायम इस सीट पर कभी नहीं हारे. 1985 में लोकदल, 1989 में जनता दल, 1991 में जनता पार्टी से और 1993 में अपनी समाजवादी पार्टी से विधायक बने. इसके बाद मुलायम के भाई शिवपाल यादव यहां चुनाव लड़ते आए हैं.

1996 में पहली बार एसपी के टिकट पर शिवपाल विधायक बने थे, उसके बाद 2002, 2007, 2012 और 2017 में भी शिवपाल ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज की और लगातार 5 बार से विधायक बनते रहे हैं.

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