UP Chunav Noida results 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की है. साथ ही यूपी के सहारनपुर जिले में भी बीजेपी ने बीएसपी से लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को पछाड़ दिया है. सहारनपुर में सात विधानसभा सीट आती हैं और उनमें से पांच सीट पर बीजेपी को जीत हासिल हुई है. वहीं समाजवादी पार्टी को दो सीट से ही संतोष करना पड़ा.
जिन सीटों पर बीजेपी जीती है वो हैं- गंगोह, देवबंद, नकुड़, रामपुर मनिहारन और सहारनपुर नगर. सहारनपुर जिले की दो सीट बेहट और सहारनपुर देहात समाजवादी पार्टी के खाते में गई है. वहीं पिछली बार यानी 2017 में कांग्रेस के पास सहारनपुर जिले में दो विधायक थे. लेकिन इस बार कांग्रेस के किसी भी प्रत्याशी की जमानत भी नहीं बची.
किस सीट पर क्या स्थिति
सहारनपुर नगर
जीते: राजीव गुंबर (बीजेपी)- 139835 वोट
दूसरे नंबर पर: संजय गर्ग (एसपी) - 134512 वोट
तीसरे नंबर पर: मनीष अरोड़ा (बीएसपी)- 8535 वोट
चौथे नंबर पर: सुखवींद्र कौर (कांग्रेस)- 2221 वोट
गंगोह
जीते: कीरत सिंह (बीजेपी)- 116582 वोट
दूसरे नंबर पर: इन्द्रसेन (एसपी) - 93133 वोट
तीसरे नंबर पर: नौमान मसूद (बीएसपी)- 55078 वोट
चौथे नंबर पर: अशोक सैनी (कांग्रेस)- 1936 वोट
रामपुर मनिहारान
जीते: देवेंद्र निम (बीजेपी)- 89109 वोट
दूसरे नंबर पर: रविन्द्र मोल्हू (बीएसपी)- 68516 वोट
तीसरे नंबर पर: विवेककांत (एसपी) - 64864 वोट
चौथे नंबर पर: ओमपाल सिंह (कांग्रेस)- 1544 वोट
नकुड़
जीते: मुकेश चौधरी (बीजेपी)- 104114 वोट
दूसरे नंबर पर: धर्मसिंह सैनी (एसपी) - 103799 वोट
तीसरे नंबर पर: साहिल खान (बीएसपी)- 55112 वोट
चौथे नंबर पर: रणधीर सिंह (कांग्रेस)- 1354 वोट
देवबंद
जीते: कुंवर बृजेश सिंह (बीजेपी)- 93890 वोट
दूसरे नंबर पर: कार्तिकेय राणा (एसपी) - 86786 वोट
तीसरे नंबर पर: राजेन्द्र सिंह (बीएसपी)- 52732 वोट
चौथे नंबर पर: राहत खलील (कांग्रेस)- 1354 वोट
बेहट
जीते: उमर अली खान (एसपी)- 134513 वोट
दूसरे नंबर पर: नरेश सैनी (बीजेपी) - 96633 वोट
तीसरे नंबर पर: रईस मलिक (बीएसपी)- 45075 वोट
चौथे नंबर पर: पूनम कांबोज (कांग्रेस)- 1632 वोट
सहारनपुर देहात
जीते: आशु मलिक (एसपी)- 107007 वोट
दूसरे नंबर पर: जगपाल सिंह (बीजेपी) - 76262 वोट
तीसरे नंबर पर: अजब सिंह (बीएसपी)- 62637 वोट
चौथे नंबर पर: मरगूब (AIMIM)- 8187 वोट
हार-जीत के बड़े कारण
सहारनपुर में जीत के पीछे की वजह से पहले हार पर चर्चा करते हैं. सबसे पहले बात मायावती की. कभी बीएसपी का गढ़ कहे जाने वाला सहारनपुर अब बीजेपी के साथ है. बीएसपी चीफ मायावती सहारनपुर की हरोड़ा विधानसभा सीट से 2 बार चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बनी थीं. 2012 में भी बीएसपी ने यहां 4 सीटें जीती थीं, लेकिन 2017 और 2022 में बीएसपी यहां फेल हो गई. सहारनपुर में दलित और पिछड़े वोटरों ने मायावती से खुद को दूर कर लिया और बीजेपी पर भरोसा जताया है.
वहीं दूसरी ओर जिस सहारनपुर में साल 2017 में कांग्रेस ने दो सीटें जीती थीं, उस कांग्रेस को भी हार का सामना करना पड़ा. दरअसल, विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव रहे पूर्व विधायक इमरान मसूद चुनाव घोषित होते ही कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे. यही नहीं चुनाव से ठीक पहले सहारनपुर देहात के विधायक मसूद अख्तर भी कांग्रेस छोड़ एसपी में शामिल हुए थे. हालांकि इन दोनों को ही समाजवादी पार्टी ने टिकट नहीं दिया. इसके अलावा बेहट से कांग्रेसी विधायक नरेश सैनी ने भी चुनाव से पहले बीजेपी ज्वॉइन की थी. हालांकि नरेश सैनी को हार का सामना करना पड़ा. भले ही तीनों नेताओं को दल बदलने से फायदा न हुआ हुआ हो लेकिन कांग्रेस सहारनपुर में कमजोर जरूर हो गई.
सहारनपुर जिले में 71.13 प्रतिशत मतदान हुआ था. जिले की सबसे चर्चित सीट देवबंद में बीजेपी को जीत हासिल हुई है. भारत के सबसे प्रभावशाली इस्लामिक सेंटर में से एक, दारुल उलूम देवबंद यहीं हैं. यहां बीजेपी ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की है. बीजेपी के मौजूदा विधायक बृजेश सिंह ने समाजवादी पार्टी के कार्तिकेय राणा को 7,104 चुनावों से हराया है. दरअसल, बीजेपी पहले से ही देवबंद में मजबूत स्थिति में रही है. बीजेपी को यहां से हर बार बीएसपी और समाजवादी वोट में बंटवारे का फायदा हुआ है. बीजेपी के कुंवर बृजेश सिंह को 93890 वोट मिले हैं, जबकि दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के कार्तिकेय राणा हैं, जिन्हें 86786 वोट मिले. बीएसपी के उम्मीदवार को 52732 वोट मिले. इस बार कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को छोड़कर किसी भी पार्टी ने मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया था. ऐसे में ये कहना कि मुस्लिम बहुल सीट पर मुसलमान वोटर सिर्फ मुस्लिम कैंडिडेट को वोट देता है तो ये तर्क गलत साबित हो सकता है, क्योंकि कांग्रेस और एआईएमआईएम को कुल मिलाकर पांच हजार वोट भी नहीं मिले हैं. वहीं बीएसपी के गैर-मुस्लिम उम्मीदवार को इस बार 52,000 से अधिक वोट मिले.
बता दें कि साल 2017 में भी इसी तरह वोटों के बंटवारे से बीजेपी को देवबंद में फायदा हुआ था. तब एसपी और बीएसपी दोनों ने ही मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे, और दोनों के वोट के बंटवारे से बीजेपी को जीत हासिल हुई.
बता दें कि पिछले दो दशक के चुनावी नतीजों पर नजर डालें तो उपचुनाव को छोड़कर कभी भी देवबंद में कोई विधायक मुस्लिम समाज का नहीं रहा है. 1993, 1996, 2017 और अब 2022 में देवबंद में बीजेपी की जीत हुई है.
सहारनपुर जिले में किसान आंदोलन से लेकर किसान नेता राकेश टिकैत का असर भी देखने को नहीं मिला और यहां बीजेपी ने बेहतर परफॉर्म किया है.
2017 में कैसा था परिणाम ?
2017 विधानसभा चुनाव के मुकाबले बीजेपी ने इस बार सहारनपुर में अपनी जीत का ग्राफ बढ़ाया है. 2017 में बीजेपी को जिले की रामपुर मनिहारान, देवबंद, गंगोह और नकुड़ समेत चार विधानसभा सीट पर जीत हासिल हुई थी. लेकिन इस बार बीजेपी ने सहारनपुर नगर पर भी अपना कब्जा जमा लिया है.
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