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लखीमपुर:भारी सुरक्षा के बीच वोट डालने पहुंचे अजय मिश्र टेनी,दिखाया विक्ट्री साइन

अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र पर आरोप है कि वह उस गाड़ी में मौजूद था जिसने किसानों को कुचला था.

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चुनाव में वोटिंग के दौरान नेताओं की सादगी और आम लोगों के साथ लाइन में लगकर वोट देने वाली वीडियो और फोटो आपने देखी होगी. इसपर वाह-वाही भी खूब होती है. लेकिन लगातार सुर्खियों में रहने वाले लखीमपुर खीरी में बात थोड़ी अलग हुई. बुधवार 23 फरवरी को उत्तर प्रदेश (UP Election 2022) का लखीमपुर खीरी का बनबीरपुर मतदान केंद्र अचानक छावनी में बदल गया. खाकी और चितकबरे रंग के कपड़े पहने अर्धसैनिक बल के जवानों और पुलिसकर्मी का हुजूम हल्के बादामी नेहरू कोट और सफेद कुर्ता पहने शख्स को घेरे हुआ था. जैसे ही मीडिया का कैमरा उस शख्स पर पड़ा उन्‍होंने हाथ की उंगलियों से V (Victory यानी जीत का निशान) बनाया और फिर आगे बढ़ते गए.

दरअसल, ये शख्स हैं लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचलने के आरोपी आशीष मिश्र (Ashish Mishra) उर्फ मोनू के पिता और केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी. भारी सुरक्षा इंतजामों के बीच टेनी लखीमपुर खीरी के बनबीरपुर स्थित मतदान केंद्र पर वोट डालने आए थे.

अजय मिश्र टेनी वोटिंग के लिए पहुंचे. उनकी सुरक्षा के ऐसे इंतजाम कि सुरक्षा में तैनात जवान ही जवान दिखाई दे रहे थे. पत्रकारों को मंत्री जी तक तक पहुंचने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा. इसी बीच कुछ पत्रकारों ने चुनाव को लेकर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही, तब मंत्री जी ने अपनी स्याही लगी उंगली दिखाई और फिर दूसरे हाथ को ऊपर उठाते हुए जीत का सिग्नल दिया. लेकिन मीडिया से बिना बात किए ही आगे बढ़ गए.

कैसे सुर्खियों में आए अजय मिश्र टेनी?

बता दें कि 3 अक्टूबर 2021 को तिकोनिया में एक कार ने तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को कुचल दिया था. इसी मामले में टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया गया है. इस हिंसा में चार किसान समेत आठ लोगों की मौत हुई थी. आशीष मिश्र पर आरोप है कि वह उस गाड़ी में मौजूद था जिसने प्रदर्शनकारियों को कुचला था. इसके बाद आशीष मिश्र को जेल हुई थी लेकिन इसी साल फरवरी में आशीष को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई.

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वहीं आशीष मिश्र के बेटे को लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार मोदी सरकार पर हमलावर थे और टेनी के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. विपक्षी पार्टियों ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी इस मुद्दे को उठाया.

लखीमपुर खीरी में 8 विधानसभा सीट (पलिया, निघासन, गोला गोरखनाथ, श्रीनगर, धौरहरा, लखीमपुर, कस्ता और मोहम्मदी) आती हैं. पिछले चुनाव में बीजेपी को इन सभी सीटों पर जीत हासिल हुई थी. लेकिन इस बार किसान आंदोलन और किसानों की हत्या की वजह से लोगों में नाराजगी है.

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