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बाराबंकी: जाति ध्रुवीकरण से BJP को 2 सीट का घाटा,चीनी मिल ट्रम्प कार्ड न आया काम

Barabanki Result: दरियाबाद, कुर्सी और हैदरगढ़ में बीजेपी जीती. रामनगर, बाराबंकी और जैदपुर में एसपी जीती.

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उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले की छह सीटों का मुकाबला बराबरी का रहा. तीन सीटों पर एसपी ने जीत हासिल की है तो तीन पर बीजेपी का परचम लहराया है. बाराबंकी सदर सीट के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए एसपी के विधायक धर्मराज यादव उर्फ सुरेश यादव ने लगातार तीसरी बार जीत हासिल की है. रामनगर से लगातार दो बार किसी विधायक के चुनाव न जीतने का रिकॉर्ड इस बार भी कायम रहा. यहां से बीजेपी के विधायक शरद अवस्थी चुनाव हार गए.

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किस सीट पर क्या है स्थिति ?

रामनगर

जीते- फरीद महफूज किदवई (एसपी)- 98,799 वोट

दूसरे- शरद अवस्थी (बीजेपी)- 98,538 वोट

तीसरे- रामकिशोर (बीएसपी)- 23259 वोट

चौथे- अरुण कुमार (AIMIM)- 4940 वोट

बाराबंकी

जीते- धर्मराज यादव उर्फ सुरेश यादव (एसपी)- 1,24,756 वोट

दूसरे- डॉ.रामकुमारी मौर्य (बीजेपी)- 90,196 वोट

तीसरे- डॉ.विवेक सिंह वर्मा (बीएसपी)- 42,265 वोट

चौथे- रूही अरशद (कांग्रेस)- 4,552 वोट

जैदपुर

जीते- गौरव रावत (एसपी)- 1,12,724 वोट

दूसरे- अमरीश रावत (बीजेपी)- 1,10,303 वोट

तीसरे- तनुज पुनिया (कांग्रेस)- 28,610 वोट

चौथे- उषा गौतम (बीएसपी)- 18,321 वोट

दरियाबाद

जीते- सतीश चंद्र शर्मा (बीजेपी)- 1,28,219 वोट

दूसरे- अरविंद कुमार सिंह (एसपी)- 95,817 वोट

तीसरे- जगप्रसाद रावत (बीएसपी)- 28,361 वोट

चौथे- चित्रा वर्मा (कांग्रेस)- 2301 वोट

कुर्सी

जीते- साकेंद्र प्रताप सिंह वर्मा (बीजेपी)- 1,18,720 वोट

दूसरे- राकेश कुमार वर्मा (एसपी)- 1,18,503 वोट

तीसरे- मीता गौतम (बीएसपी)- 35,561 वोट

चौथे- उर्मिला पटेल (कांग्रेस)- 2803 वोट

हैदरगढ़

जीते- दिनेश रावत (बीजेपी)- 1,17,113 वोट

दूसरे- रामगमन (एसपी)- 91,422 वोट

तीसरे- श्रीचंद्र (बीएसपी)- 12,239 वोट

चौथे- निर्मला चौधरी (कांग्रेस)- 3993 वोट

हार-जीत के बड़े कारण

  1. रामनगर में सालों से बंद पड़ी चीनी मिल को चालू करने का बीजेपी का ट्रम्प कार्ड भी यहां नहीं चला. बीजेपी विधायक के प्रति लोगों की नाराजगी चुनाव में देखने को मिली. कड़े मुकाबले में बीजेपी के उम्मीदवार शरद अवस्थी 261 वोटों से चुनाव हार गए.

  2. बाराबंकी में एसपी ने जीत के साथ नया रिकॉर्ड भी बनाया है. यादव और मुस्लिम वोटर्स का इस सीट पर दबदबा है. जिसका फायदा एसपी उम्मीदवार और दो बार के विधायक धर्मराज यादव उर्फ सुरेश यादव को मिला है. 'MY' फैक्टर यहां काम कर गई. जिसकी वजह से बीजेपी के हाथ निराशा आई है.

  3. जैदरपुर में मौजूदा विधायक गौरव रावत के खिलाफ लोगों में नाराजगी थी. लेकिन बीजेपी इसका फायदा नहीं उठा सकी. मुस्लिम बाहुल्य इस सीट पर वोटर्स एसपी के साथ ही खड़े नजर आए और गौरव रावत दोबारा चुनाव जीत गए.

  4. दरियाबाद में बीजेपी प्रत्याशी सतीश चंद्र शर्मा का दबदबा कायम है. सतीश विधायक बनने के बाद क्षेत्र में टिके रहे इसलिए वो इसबार फिर विधायक बने हैं.

  5. कुर्मी और मुस्लिम बाहुल्य कुर्सी क्षेत्र को कभी एसपी का गढ़ माना जाता था, लेकिन पिछले दो बार से बीजेपी इसमें सेंध लगाने में कामयाब रही. 2017 चुनाव के बाद इस बार भी मोदी-योगी फैक्टर चला और साकेंद्र प्रताप सिंह वर्मा चुनाव जीत गए.

  6. हैदरगढ़ सीट बचाने में बीजेपी कामयाब रही है. दिनेश रावत को फिर यहां की जनता ने अपना विधायक चुना है. इसका मुख्य कारण है लोगों में बीजेपी के प्रति विश्वास. इस बार भी चुनाव में बीजेपी के कोर वोटर्स पार्टी के साथ खड़े थे. जिसकी वजह से बीजेपी आसानी से ये सीट जीत गई.

2017 में कैसा था परिणाम ?

2017 के चुनावी नतीजों से इस साल के नतीजों की तुलना करें तो बीजेपी को बाराबंकी जिले में दो सीटों का नुकसान हुआ है. 2017 में जहां बीजेपी 6 में से 5 सीटों पर कब्जा जमाया था तो वहीं इस पर सिर्फ 3 सीट ही जीत पाई. जनता में प्रत्याशियों के प्रति नाराजगी और जाति-विशेष वोटों का ध्रुवीकरण इसका मुख्य कारण है.

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