उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Elections 2022) की मतगणना से पहले राज्य में ईवीएम को लेकर हंगामा शुरू हो गया है. वाराणसी में ईवीएम मूवमेंट को लेकर हुए हंगामे और समाजवादी पार्टी (SP) अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीजेपी पर लगाए गए आरोपों के बाद, SP कार्यकर्ता ईवीएम मशीनों की निगरानी में लग गए हैं. कानपुर, बरेली और बांदा में SP कार्यकर्ता रातभर मतगणना केंद्र के बाहर बनए रहे.
8 मार्च की रात बांदा में करीब 100 से ज्यादा SP कार्यकर्ता ईवीएम की निगरानी के लिए स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर एकत्रित हो गए. कार्यकर्ताओं के इकट्ठा होने की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और सपाइयों को समझाने कोशिश की, लेकिन SP नेता टस से मस नहीं हुए.
SP कार्यकर्ताओं का कहना है कि वो अपने वोट की रक्षा करने के लिए स्ट्रांग रूम के बाहर ही मौजूद रहेंगे.
EVM मशीनों की हेरफेर को लेकर उड़ी अफवाह
मतगणना से पहले मिर्जापुर, वाराणसी समेत कुछ शहरों में अचानक ईवीएम को लेकर अफवाह उड़ गई, जिसके बाद से समाजवादी पार्टी लगातार प्रदेश की बीजेपी सरकार पर हमलावर है. वाराणसी में ईवीएम चोरी होने की अफवाह उड़ने के बाद पहड़िया मंडी में 8 मार्च को खूब हंगामा हुआ. SP कार्यकर्ताओं ने ईवीएम मशीनें यूपी कॉलेज में ले जाते समय उस वाहन को रोककर जमकर बवाल काटा.
मथुरा में भी SP और BSP कार्यकर्ताओं ने EVM चोरी का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया.
इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी और जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने कहा कि इन सभी ईवीएम का चुनाव से संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि 10 मार्च को होने वाली मतगणना के संदर्भ में कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी, उस सिलसिले में यूपी कॉलेज ईवीएम को ले जाया जा रहा था.
इसके बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य सरकार पर EVM की हेराफेरी कर वोटों की चोरी का आरोप लगाया. यादव ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के मुख्य सचिव ने प्रशासन को जहां बीजेपी हारती दिख रही हो, वहां मतगणना को धीमा करने का आदेश दिया है. अखिलेश यादव ने साथ ही अपने पार्टी और गठबंधन के नेताओं से काउंटिंग खत्म होने तक चौकन्ना रहने के लिए कहा है.
(इनपुट्स- मनोज कुमार)
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