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वेंकैया नायडू ने उठाए एग्जिट पोल पर सवाल, याद दिलाया इतिहास 

वेंकैया नायडू ने की राजनीतिक दलों की आलोचना

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लोकसभा चुनाव के नतीजे कुछ ही दिनों में सामने होंगे. लेकिन इसकी एक तस्वीर एग्जिट पोल के तौर पर सामने आई है. जिसमें बीजेपी और एनडीए को बहुमत मिलता दिख रहा है. विपक्ष ने ऐसे सारे एग्जिट पोल को नकार दिया है. लेकिन अब पूर्व बीजेपी नेता और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी एग्जिट पोल के नतीजों पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि एग्जिट पोल कभी भी सटीक परिणाम नहीं बताते हैं.

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एग्जिट पोल के इतिहास पर सवाल

वेंकैया नायडू ने एग्जिट पोल को गलत बताते हुए उनके इतिहास पर ही सवाल खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि 1999 से अगर देखें तो ज्यादातर एग्जिट पोल गलत साबित हुए हैं. नायडू ने गुंटूर में एक बैठक के दौरान लोगों को संबोधित किया. जिसमें उन्होंने कहा कि हर पार्टी अपनी जीत के लिए सोचती है. हर उम्मीदवार 23 मई तक अपनी जीत को लेकर कॉन्फिडेंट रहता है.

नायडू ने कहा कि देश को एक लायक नेता और मजबूत सरकार की जरूरत है, फिर चाहे वो कोई भी हो. यही देश की असली जरूरत है. समाज में बदलाव राजनीतिक दलों से ही शुरू होना चाहिए. नायडू ने कहा कि अगर देश को मजबूत बनाना है और कुछ बदलाव करना है तो लोगों, उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह से निभानी जरूरी है.

फिलहाल जो राजनीति हो रही ही है उसमें नम्रता खत्म होती जा रही है. नेताओं के भाषणों में काफी ज्यादा नफरत नजर आती है. उन्होंने व्यक्तिगत दुश्मनी पाल रखी है. लेकिन एक नेता दूसरे नेता का दुश्मन नहीं होता है, वो सिर्फ एक दूसरे के प्रतिद्वंदी होते हैं. इसी मूल बात को वो भूल जाते हैं.
वेंकैया नायडू, उपराष्ट्रपति
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नायडू ने संसद और विधानसभा में सांसदो और विधायकों के व्यवहार पर भी बात की. उन्होंने कहा, हम देखते हैं कि लगभग सभी दलों के सांसद-विधायक संसद और विधानसभा में आने के बाद कैसा व्यवहार करते हैं. पंचायत स्तर के नेता भी उन्हीं को फॉलो करते हैं.

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