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अक्षय कुमार ने पीएम मोदी से पूछे पर्सनल सवाल, देखें पूरा इंटरव्यू

अक्षय कुमार ने लिया पीएम मोदी का इंटरव्यू

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पीएम मोदी के तमाम पॉलिटिकल इंटरव्यू के बीच अब एक नॉन पॉलिटिकल इंटरव्यू आया है. बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार ने पीएम मोदी का ये इंटरव्यू लिया. जिसमें अक्षय ने पीएम मोदी से कई तरह के दिलचस्प सवाल पूछे. इस खास इंटरव्यू में पीएम मोदी ने अपनी जिंदगी के कई पहलुओं का जिक्र किया. पीएम ने अपने इंटरव्यू के दौरान कई ऐसे सवालों का जवाब भी दिया, जिनके बारे में काफी कम ही लोग जानते हैं.

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पीएम ने सुनाए कई किस्से

पीएम मोदी ने अक्षय कुमार के साथ अपने इस इंटरव्यू में अपनी जिंदगी से जुड़े कई दिलचस्प किस्से भी सुनाए. पीएम ने बताया कि विपक्षी दलों के नेताओं के साथ उनके कितने अच्छे संबंध हैं और बचपन के दिनों में कैसे वो फिल्म देखने जाते थे. पीएम मोदी ने बताया कि मुझे सुबह 5 बजे चाय पीने की आदत है. दूसरा शाम को 6 बजे चाय चाहिए होती है.

जब अक्षय कुमार ने उन्हें कहा कि आप पैसे नहीं बचाते, तो क्या आप वाकई में गुजराती हैं? क्योंकि गुजराती आदमी अपने पैसों का बहुत खयाल रखता है. इसके जवाब में पीएम ने अक्षय को एक चुटकुला भी सुनाया. उन्होंने कहा, 'हमारे यहां एक चुटकुला चलता है, एक बार स्टेशन पर एक ट्रेन आयी तो ऊपर लेटे हुए एक यात्री ने पूछा की कौनसा स्टेशन आया है? तो बताने वाले ने कहा की 4 आना दोगे तो बताऊंगा, वो यात्री बोला भाई बताने की जरुरत नहीं है मैं समझ गया अहमदाबाद आ गया है'.

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दीवाली का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, मैं कभी दीवाली नहीं मनाता था. पांच दिन तक कहीं चला जाता था. पीने का पानी साथ ले जाता था. किसी खंडहर या पेड़ के नीचे पड़ा रहता था. मैं मुझसे ही मिलने जाता था. उस चीज ने मुझे बहुत ताकत दी. फिल्में देखने को लेकर पूछे गए सवाल पर पीएम ने कहा, बचपन में दोस्त के पिता थिएटर के बाहर चना बेचते थे. वहां उनसे मिलते थे और कभी-कभी थिएटर में जाने का मौका मिल जाता था. दोस्त के साथ वहां बैठकर फिल्म देखते थे. जब मैं सीएम था तो अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म देखने गया था. इसके बाद अनुपम खेर जी के साथ फिल्म देखी. अब वक्त नहीं मिल पाता है.

यूएन में भाषण देने पर सुषमा स्वराज से हुई बहस

मेरी दिक्कत ओवर कॉन्फिडेंस है. जब मैं अमेरिका पहुंचा तो सुषमा जी पहले ही गई हुई थीं. मेरी आदत है कि पहले मीटिंग कर लेता हूं. सुषमा जी ने पूछा कि आपकी तैयारी कैसी है. लिखित स्पीच होनी चाहिए. इस पर हमारी बहस होती रही. फिर मैंने बता दिया कि मुझे क्या बोलना है. स्पीच तैयार हो गई. लेकिन मुझे पढ़कर बोलना कभी नहीं आता है. वो भाषण मैंने पढ़कर दिया.

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