शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की बायोपिक 'ठाकरे' 25 जनवरी को रिलीज हो रही है लेकिन इससे पहले ही विवाद खड़ा हो गया. बाला साहेब ठाकरे की जयंती के मौके पर 'ठाकरे' की स्पेशल प्रीमियर के दौरान फिल्म के डायरेक्टर अभिजीत पानसे को थिएटर में जगह नहीं दी गई. इस वजह से अभिजीत अपने परिवार के साथ थिएटर छोड़कर बाहर आ गए.
बाला साहेब की जिंदगी पर आधारित फिल्म 'ठाकरे' को अभिजीत पानसे ने डायरेक्ट किया है और पानसे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेता भी हैं. बुधवार को पानसे अपने परिवार के साथ मुंबई के अटरिया आयनॉक्स थिएटर में फिल्म के प्रीमियर पर पहुंचे थे. लेकिन वहां पानसे परिवार के लिए रिजर्व सीट नहीं थी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिल्म प्रोड्यूसर्स की ओर से उनके साथ अच्छा बर्ताव भी नहीं किया गया, जिसके बाद अभिजीत को प्रीमियर देखे बिना ही थिएटर से बाहर आने के लिए कदम उठाना पड़ा.
अभिजीत पानसे के साथ किए गए इस व्यवहार से उनके समर्थकों में खासी नाराजगी है. सोशल मीडिया पर समर्थक #ISupportAbhijitPanse के साथ पानसे के समर्थन में ट्वीट कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, "लोग फिल्म को याद रखेंगे और फिल्म बनाने वाले के अपमान को नहीं भूलेंगे."
एक और विवाद आया सामने
यही नहीं, फिल्म की रिलीज से पहले एक और विवाद देखने को मिला है. ये विवाद ‘ठाकरे’ फिल्म के प्रोड्यूसर और एमएनएस नेता संजय राउत से संबंधित है. दरअसल, बुधवार सुबह MNS ने शिवसेना भवन के सामने ‘ठाकरे’ फिल्म को शुभकामनाएं देने वाला एक पोस्टर लगाया था. इस पोस्टर में डायरेक्टर अभिजीत पानसे का ही नाम लिखा था. जबकि फिल्म के प्रोड्यूसर संजय राउत के नाम को पोस्टर में कोई जगह नहीं दी गई थी. सूत्रों के मुताबिक, इसे लेकर भी विवाद खड़ा हुआ था.
बता दें कि 25 जनवरी को रिलीज होने वाली फिल्म 'ठाकरे' में बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी बाला साहेब ठाकरे का किरदार निभाते नजर आएंगे. महाराष्ट्र में फिल्म को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह है. यही वजह है कि फिल्म का पहला शो सुबह 4:15 बजे से शुरू होगा.
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