टीवी की दुनिया से लेकर बॉलीवुड तक अपने अभिनय की छाप छोड़ चुके एक्टर जावेद खान अमरोही (Javed Khan Amrohi) का निधन हो गया है. 62 साल के जावेद ने 14 फरवरी की सुबह सांताक्रूझ के सूर्य नर्सिंग होम में आखिरी सांस ली. जावेद को लंबे वक्त से सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. इसके अलावा वो पिछले एक साल से बिस्तर पर थे.
जावेद खान अमरोही (Javed Khan Amrohi) को 'अंदाज अपना अपना' और 'चक दे इंडिया' में निभाए गए किरदारों के लिए भी जाना जाता है. इसके अलावा जावेद खान अमरोही (Javed Khan Amrohi) ने इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया आर्ट्स में बतौर एक्टिंग फैकल्टी भी काम किया है.
क्रिकेटर बनना चाहते थे जावेद खान अमरोही
जावेद खान अमरोही का जन्म 12 मार्च, 1961 को मुम्बई में हुआ था. जावेद खान बचपन में क्रिकेटर बनना चाहते थे और क्रिकेटर बनने के लिए उन्होंने मुम्बई के खालसा कॉलेज में दाखिला लिया था. कॉलेज में दिनों में जावेद खान की गिनती अच्छे क्रिकेटरों में होती थी. इतना ही नहीं कॉलेज के दिनों में मुम्बई के टीम के लिए चुने गए जावेद टॉप 36 क्रिकेट खिलाडियों में से एक थे. इसी टीम में दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर भी थे. हालांकि खुदा को कुछ और ही मंजूर था. जब उन्होंने 12वीं पास की तो उसी दौरान उनके पिता का निधन हो गया था. कुछ दिन बाद जावेद की भी तबीयत खराब हो गई और किडनी की बीमारी के शिकार हो गए. जिसके वजह से उनको क्रिकेट भी छोड़ना पड़ा.
जब जावेद ने क्रिकेट छोड़ा तो वो काफी निराश हो गए थे. उनके पास कॉलेज की फीस जमा करने के लिए पैसे नहीं थे. जिसके चलते उन्होंने कॉलेज भी छोड़ने का फैसला लिया
हताश जावेद कॉलेज से अपने मामा को उर्दू में खत लिख रहे थे, तभी स्पोर्ट्स शिक्षक की नजर जावेद पर पड़ी जो नाटकों में भी काम करते थे. उन्होंने पूछा कि जावेद क्या कर रहे हो. जावेद ने चिढ़कर कहा था आपको दिख नहीं रहा क्या कर रहा हूं. जिसके बाद टीचर ने कहा कि, हमारी टीम एक नाटक कर रही है जिसमें एक पाकिस्तानी पुलिस वाले के किरदार के लिए एक ऐसे कलाकर की जरुरत है जिसकी उर्दू पर अच्छी पकड़ हो. तुम्हारी उर्दू अच्छी है तुम इस नाटक में हिस्सा ले लो. जिस पर जावेद ने कहा कि मुझे फैलोशिप मिलेगी न तभी मैं नाटक करुंगा. टीचर ने कहा जरूर मिलेगी. जिसके बाद जावेद ने उस नाटक में काम करने के लिए हामी भर दी और यही से जावेद की एक्टिंग की दुनिया में पहला कदम था.
अमजद साहब, रजामुराद और किरण कुमार की सलाह पर एक्टिंग की फुल ट्रेनिंग ली थी
उन्होंने कई नाटकों में काम किया. जिसपर लोगों की खूब तारीफ हुई. इनकी मेहनत को देख खालसा यूनिवर्सिटी ने यूनिवर्सिटी ड्रामेटिक का चेयरमैन बना दिया. जिसके बाद उन्होंने प्रोफेशनल गुजराती नाटक कंपनी ज्वाइन कर ली और फिर कई नाटक संस्थानों के साथ काम किया. इसी दौरान मशहूर डायरेक्टर रामानंद सागर ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक एक्टिंग कॉन्टेस्ट शुरू किया ताकि नए टैलेंट को तलाश सकें. जावेद ने उस कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया और उसमें सिलेक्ट भी हो गए. वहीं पर इनकी मुलाकात अमजद साहब, रजामुराद और किरण कुमार से हुई और उन्होंने ही जावेद को सलाह दी थी कि तुम्हें एक्टिंग की फुल ट्रेनिंग लेनी चाहिए. जिसके बाद वो फिल्म और टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ पुणे चले गए.
वहां से अपना कोर्स पूरा करने के बाद जावेद मुंबई वापस लौट गए और नाटकों की दुनिया में फिर से वापस उतर गए. जिसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा.
फिल्मों में पहला ब्रेक यश चोपड़ा की फिल्म नूरी में मिला था
जावेद खान को प्रसिद्ध निर्देशक यश चोपड़ा ने पहला ब्रेक अपने फिल्म नूरी में दिया, जिसमें वो फौलाद खान के किरदार में नजर आए थे. ये किरदार निगेटिव था. हालांकि नूरी इनकी पहली रिलीज हुई फिल्म नहीं थी. इनकी पहली रिलीज फिल्म जलते बदन था. जिसमें वो एक कॉलेज स्टूडेंट के किरदार में नजर आए थे.
लगान में बेस्ट रोल के एकैडमी अवॉर्ड के लिए हुए थे नॉमीनेट
150 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके जावेद खान अमरोही ने फिल्म 'लगान' में राम सिंह का किरदार निभाया था. इस फिल्म को एकैडमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था. इसके अलावा उन्हें ‘अंदाज अपना अपना‘ और ‘चक दे इंडिया‘ में भी अभिनय के लिए काफी सराहा गया था.
जावेद का सबसे यादगार किरदार 'अंदाज अपना अपना' में
उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों मे एक से बढ़कर एक किरदार निभाए थे, लेकिन जो किरदार उन्होंने अंदाज अपना अपना में निभाया था जिसे जावेद का सबसे यादगार किरदार माना जाता था. जावेद ने अक्षय कुमार, परेश रावल और सुनील शेट्टी स्टारर फिल्म ‘फिर हेरा फेरी‘ में पुलिस कॉन्सेटबल का कैरेक्टर भी प्ले कर सबको गुदगुदाया था.
जावेद खान अमरोही की आखिरी फिल्म सड़क 2 थी
जावेद खान अमरोही ने जा खूदा, प्रेम रोग, नरम गरम, पसंद अपनी अपनी, सुन सजना, वो सात दिन, राम तेरी गंगा मैली, फासले, वारिस, गुरू,फिल्म त्रिदेव, आशिकी, सड़क, बोल राधा बोल, हम है राही प्यार के, लाडला, कुली नबंर 1, बड़े मिया छोटे मियां, हैलो ब्रदर, चल मेरे भाई, हेरा फेरी, उमराव जान, चकदे इंडिया, कॉफी हाउस जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया. वहीं इनकी आखिरी फिल्म साल 2020 में रिलीज हुई सड़क 2 थी. इसके अलावा उन्होंने कई टेलीविजन शो में भी काम किए थे. इनकी प्रमुख टीवी शो-ये है जो जिंदगी, नुक्कड़, मिर्जा गालिब, विष्णु पुराण थी.
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