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संजय लीला भंसाली की कई फिल्में एक ही ढर्रे पर क्यों होती हैं?

संजय लीला भंसाली की फिल्मों में काफी-कुछ एक जैसा होता है. 

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पद्मावती का ट्रेलर रिलीज हो चुका है, जिसका लोगों को बेसब्री से इंतजार था. यकीन मानिए कि इसमें कैरेक्टरों ने अपने रोल को उम्‍मीद से ज्यादा भव्य बना दिया है. ट्रेलर को देखकर पता लगता है कि फिल्म के कई सीन बेहद खूबसूरत हैं.

दीपिका पादुकोण फिल्म में रानी पद्ममावती का किरदार निभा रही हैं और ट्रेलर में वो अपने कैरेक्ट में डूबी नजर आईं. उनके पति का रोल निभाते शाहिद कपूर को आप ऐसे राजसी अंदाज में पहली बार देखेंगे.

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रणवीर सिंह खिलजी के किरदार में काफी अलग लग रहे हैं. शायद ही आपने कभी रणवीर को इतने नेगेटिव लुक में देख हो. हालांकि रणवीर का ट्रेलर में एक भी डायलॉग नहीं है, फिर भी उन्होंने जबरदस्त प्रभाव छोड़ा है.

रणवीर का जलवा यहीं खत्म नहीं होता. फिल्म में वह एक गाने पर डांस करते नजर आएंगे.

फिल्म का ट्रेलर तो धमकेदार है, लेकिन एक सवाल रह-रह कर मन में आता है कि क्या हमें इस फिल्म में कहानी के अलावा कुछ नया देखने को मिलेगा? माना कि फिल्म का ट्रेलर जबरदस्त है, लेकिन इसमें नया क्या है?

चलिए आपको बताते हैं कि संजय लीला भंसाली कि पुरानी पिछली तीन फिल्में में क्या-क्या समानताएं हैं.

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सबसे पहला: ट्रेडिशनल टच

संजय लीला भंसाली की फिल्मों में काफी-कुछ एक जैसा होता है. 

पिछली कई फिल्मों से संजय लीला भंसाली अपनी फिल्मों को एक ट्रेडिशनल टच देते आ रहे हैं. इसकी एक बड़ी वजह फिल्म की पुरानी कहानी भी हो सकती है. कहानी अलग होती है, सेट राजा-महाराजाओं के जमाने जैसी होती है. सेट से लेकर कॉस्‍ट्यूम तक, सब कुछ एकदम राजसी.

कुछ और हो न हो, लेकिन शादी के सीजन में संजय की फिल्मों से दुल्हनों को काफी नए-नए आइडिया मिल जाते हैं.

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दूसरा: लव ट्राइएंगल

संजय लीला भंसाली की फिल्मों में काफी-कुछ एक जैसा होता है. 

बाजीराव मस्तानी हो या फिर देवदास, फिल्म में लव ट्राइएंगल तो होता ही है. अब पद्मावती में भी तो रणवीर सिंह, शाहिद कपूर और दीपिका के बीच एक लव ट्राइएंगल है. लेकिन एक बात से तो आप भी सहमत होंगे कि अगर फिल्म में तीन लोग हों, तो लव स्टोरी का मजा ही अलग होता है.

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तीसरा: दुखी एंडिंग

संजय लीला भंसाली की फिल्मों में काफी-कुछ एक जैसा होता है. 

चाहे खामोशी हो या देवदास या फिर बाजीराव मस्तानी संजय लीला भंसाली की ज्‍यादातर फिल्मों में एंडिंग काफी दुखद होती है. फिल्म में लव ट्राइएंगल हो या ना हो, फिल्म जिस तरह खत्म होती है, लोगों के दिल में छाप जरूर छोड़ जाती है.

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चौथा: मल्टी स्टारर

संजय लीला भंसाली की फिल्मों में काफी-कुछ एक जैसा होता है. 

संजय की फिल्मों में एक ये बात हमेशा से देखी गई है कि उनकी फिल्म में एक नहीं, बल्‍कि तीन तीन बड़े सितारे होते हैं. देवदास में शाहरुख, माधुरी और ऐश थे. साथ ही बाजीराव मस्‍तानी में रणवीर, दीपिका और प्रियंका.

अब फिल्म में रणवीर, दीपिका और शाहिद. शायद ज्यादा सितारे होना ही संजय की फिल्म का लकी चार्म है.

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पांचवां: ग्रैंड गाने

संजय की फिल्म सांवरिया चाहे जैसी भी थी, उसके गाने दिलों को छू गए थे. वैसा ही कुछ देवदास में भी था और रामलीला में भी. कोई न कोई गाना हर फिल्म में ऐसा होता ही है, जो काफी बड़े स्तर पर फिल्माया जाता है.

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अब इंतजार है फिल्म पद्मावती का. हो सकता है कि इस फिल्म में कुछ नया न हो, लेकिन एक अच्छी फिल्म तो होगी ही.

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