देश के दो सबसे बड़े चैनलों का 'सामना' करने के लिए बॉलीवुड एकजुट हो गया है. फिल्म इंडस्ट्री उन चैनलों के खिलाफ खड़ी हुई है, जिन्होंने कथित रूप से बॉलीवुड के लिए अपमानजनक और मानहानि करने वाली टिप्पणियां की हैं. चार बॉलीवुड इंडस्ट्री एसोसिएशन और 34 टॉप फिल्ममेकर ने मिलकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक सिविल केस दायर किया है.
अक्षय कुमार, अजय देवगन, करण जौहर, सलमान खान, आमिर खान, शाहरुख खान जैसे सितारे के प्रोडक्शन हाउस ने मिलकर ये शिकायत दर्ज की है. ये केस मुख्य तौर से दो न्यूज चैनल रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ और इन चैनलों के अर्णब गोस्वामी, प्रदीप भंडारी, राहुल शिवशंकर और नाविका कुमार के खिलाफ दर्ज हुआ है.
लिस्ट में कौन-कौन हैं?
- प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया
- द सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन
- द फिल्म एंड टीवी प्रोड्यूसर्स काउंसिल
- स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशंस
- आमिर खान प्रोडक्शंस
- एड-लैब्स फिल्म्स
- अजय देवगन फिल्म्स
- आंदोलन फिल्म्स
- अनिल कपूर फिल्म एंड कम्युनिकेशन नेटवर्क
- अरबाज खान प्रोडक्शंस
- आशुतोष गोवारिकर प्रोडक्शंस
- बीएसके नेटवर्क एंड एंटरटेनमेंट
- केप ऑफ गुड फिल्म्स
- क्लीन स्लेट फिल्मज
- धर्मा प्रोडक्शंस
- एम्मे एंटरटेनमेंट एंड मोशन पिक्चर्स
- एक्सेल एंटरटेनमेंट
- फिल्मक्राफ्ट प्रोडक्शंस
- होप प्रोडक्शन
- कबीर खान फिल्म्स
- लव फिल्म्स
- Macguffin पिक्चर्स
- नाडियाडवाला ग्रैंडसन एंटरटेनमेंट
- वन इंडिया स्टोरीज
- आर एस एंटरटेनमेंट
- राकेश ओमप्रकाश मेहरा पिक्चर्स
- रेड चिलीज एंटरटेनमेंट
- रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट
- रील लाइफ प्रोडक्शंस
- रोहित शेट्टी पिक्चर्स
- रॉय कपूर प्रोडक्शंस
- सलमान खान वेंचर्स
- सोहेल खान प्रोडक्शंस
- सिख्या एंटरटेनमेंट
- टाइगर बेबी डिजिटल
- विनोद चोपड़ा फिल्म्स
- विशाल भारद्वाज फिल्म
- यशराज फिल्म्स
केस में क्या कहा गया?
- दायर किए गए केस में कहा गया कि ये चैनल बॉलीवुड और उसके सदस्यों के बारे में गैरजिम्मेदार, अपमानजनक और मानहानिकारक टिप्पणी करने और छापने से बचें.
- मीडिया ट्रायल बंद करें और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के निजता के अधिकार का हनन न करें.
- चैनल और पत्रकार बॉलीवुड के खिलाफ पब्लिश किए गए अपमानजनक कंटेंट को वापस लें या हटाएं.
'गंदगी', 'ड्रगीज' जैसे शब्दों पर आपत्ति
फिल्म इंडस्ट्री ने खास तौर से बॉलीवुड के लिए इस्तेमाल किए गए 'गंदगी' और 'ड्रगीज' जैसे शब्दों पर आपत्ति जताई है. इन न्यूज चैनलों ने अपने ब्रॉडकास्ट में कथित रूप से ऐसा भी कहा था: 'ये देश में सबसे गंदी इंडस्ट्री है' और 'कोकीन और LSD में सराबोर बॉलीवुड'.
केस में दावा किया गया कि इंडस्ट्री के सदस्यों की निजता का उल्लंघन हो रहा है और इन न्यूज चैनलों के बदनाम करने के अभियान से उनकी प्रतिष्ठा को ऐसा नुकसान हो रहा है, जिसकी भरपाई नहीं हो पाएगी.
'आपराधिक न्यायिक व्यवस्था का मखौल'
केस में इन चैनलों के 'निराधार' और 'गलत' न्यूज चलाने का उदाहरण सुशांत सिंह राजपूत केस के सीबीआई को ट्रांसफर किए जाने से दिया गया. याचिका में कहा गया कि केस सीबीआई को ट्रांसफर हुआ और इन चैनलों ने न्यूज रिपोर्ट चलाईं कि गिरफ्तारी होंगी, जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ. टाइम्स नाउ और रिपब्लिक के खिलाफ एकजुट हुए फिल्ममेकर्स ने कहा कि इन चैनलों ने आपराधिक न्यायिक व्यवस्था का मखौल बना दिया.
ये देखना बाकी है कि टाइम्स नाउ और रिपब्लिक टीवी इस केस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं.
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