अर्नोल्ड श्वार्जनेगर और लिंडा हैमिल्टन 28 साल बाद टर्मिनेटर फ्रेंचाइजी की अगली फिल्म ‘टर्मिनेटर: डार्क फेट’ के लिए साथ आ रहे हैं. मुझे इन दोनों स्टार्स के साथ पांच मिनट बात करने का समय मिला. टर्मिनेटर फिल्में में उनके अब तक के सफर पर उन्होंने की क्विंट से बात.
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक बॉडीबिल्डिंग इवेंट के लिए टर्मिनेटर स्टार का इंतजार कर रहे फैंस को निराश होना पड़ सकता है, क्योंकि एक्टर के ऐसे कोई प्लांस नहीं हैं. उनके मैनेजर ने कंफर्म किया है कि वो भारत नहीं आ रहे हैं और उनका नाम उनसे बिना पूछे इस्तेमाल किया गया है.
अर्नोल्ड श्वार्जनेगर और लिंडा हैमिल्टन से क्विंट की बातचीत:
मैं आपसे शुरुआत करूंगा. हमने सियोल में लैंड किया, सब जेटलैग्ड थे लेकिन मैंने आपके सोशल मीडिया पोस्ट देखे जिसमें आप जिम में वर्कआउट करते हुए कह रहे हैं `जैट-लेग हो या ना हो, पर ये करना जरूरी है’. तो क्या इस तरह का मुश्किल अनुशासन आपको अर्नोल्ड श्वार्जनेगर बनाता है?
अर्नोल्ड श्वार्जनेगर: हां, आप इसे अनुशासन कह सकते हैं पर इसे लत भी कह सकते हैं. मुझे लगता है कि सुबह मुझे जिम जाना ही है क्योंकि ट्रैवल के वक्त हमें स्केड्यूल के हिसाब से काम करना पड़ता है, क्योंकि वो इंटरव्यू के लिए सुबह से रात तक हमें बुक रखते हैं, तो समय और जेट लैग की वजह से हमारे पास वैसे भी आराम करने का समय नहीं रहता. इसलिए इससे बेहतर मैं जिम जाकर बॉडी को पंप अप करुं ताकि मैं काम कर सकूं.
आप 26 या 27 साल की थीं जब आपको ‘टर्मिनेटर’ ऑफर की गई थी? क्या आपको याद है कि पहली बार स्क्रिप्ट पढ़कर आपके दिमाग में क्या आया था और आपको अंदाजा था कि ये एक ऐसी कल्ट मूवी होगी?
लिंडा हैमिल्टन: मुझे बिल्कुल अंदाजा नहीं था, बल्कि मुझे ये एक B मूवी लगी थी, ऐसा था कि उसे पढ़कर लगा कि B ग्रेड मूवी है और मुझे याद है कि मेरे जान-पहचान के लोग काफी उत्सुक थे, क्योंकि अर्नोल्ड मूवी में थे, पर मैं इसके बारे में निश्चित नहीं थी. ऐसा नहीं कि मैं कभी कोई A मूवी एक्ट्रेस थी, लेकिन जब मैंने मूवी देखी तब मुझे लगा कि ये अच्छी मूवी है और जेम्स कैमरून एक जीनियस हैं.
आपको दरअसल रिस (Reese) का रोल प्ले करना था, जब 80 के दशक में आपको ‘टर्मिनेटर’ ऑफर की गई थी. फिर आपने ‘टर्मिनेटर’ का रोल प्ले किया, जो फिल्म जगत में एक आइकॉनिक कल्ट बन गया. क्या आपको लगता है ये किस्मत की बात है? क्या आप किस्मत पर यकीन करते हैं?
अर्नोल्ड श्वार्जनेगर: पहले मुझे रिस के लिए ऑफर किया गया था, लेकिन जब मैं जिम कैमरून से लंच पर मिला तो हमने मूवी के और टर्मिनेटर के कैरेक्टर के बारे में बात की. उन्होंने मुझे कहा कि “मैं चाहूंगा कि तुम टर्मिनेटर करो” तब मैं उनकी बात से सहमत नहीं हुआ था. मैंने कहा कि “मुझे कुछ समय दें सोचने के लिए” क्योंकि मुझे लगा मैं रिस (Reese) कर रहा हूं, हीरो का ना कि विलेन. उन्होंने कहा कि “तुम समय लो, पर मुझे लगता है कि तुम टर्मिनेटर में कमाल का किरदार करोगे क्योंकि तुम ही टर्मिनेटर हो”. मुझे लगता है कि ये उनकी काबिलियत थी कि वो ये देख सकें क्योंकि मुझे भी यकीन नहीं था.
मेरा मानना है कि आप अगले महीने इंडिया आ रहे हैं, और आपको पता होगा कि इंडिया में आपके काफी फैन हैं. फैंस के लिए आपका क्या मैसेज है? खासकर जब आप ‘टर्मिनेटर: डार्क फेट’ की रिलीज के बाद आएंगे?
अर्नोल्ड श्वार्जनेगर: अभी मुझे पता नहीं कि मैं जाऊंगा भी या नहीं, लेकिन हां, मुझे भारत जाना बहुत अच्छा लगता है. मैंने वहां भाषण भी दिए हैं, पर्यावरण के मुद्दों को लेकर प्रचार भी किया है, जो कि बहुत जरूरी बात है. सबसे खास बात है कि इस मूवी को भारत में देखना भी उतना ही एंटरटेनिंग है जितना ऑस्ट्रिया या अमेरिका या और कहीं भी देखना एंटरटेनिंग है. ये एक यूनिवर्सल स्टोरी की तरह है.
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