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प्रवासी मजदूरों के दर्द को उकेरता भोजपुरी रैप 'बंबई में का बा'

टी-सीरीज ने एक गाना बनाया है बंबई में का बा? मतलब मुंबई में क्या है

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टी-सीरीज ने एक गाना बनाया है बंबई में का बा? (Bambai Main Ka Ba) मतलब मुंबई में क्या है. भोजपुरी भाषा में लिखा गया ये रैप प्रवासी मजदूरों के बड़े शहर में आकर होने वाले दर्द को उकेरता है. कैसे वो अपना घर, परिवार, दोस्त, गांव छोड़कर मुंबई में दो जून की रोटी के लिए आते हैं और तमाम दिक्कतों का सामना करते हुए रहते हैं लेकिन मन में अपने पीछे छूटे हुए परिवेश की याद बनी रहती है. इस गाने को गाया और परफॉर्म मनोज बाजपेयी ने किया है. निर्देशक अनुभव सिन्हा ने इसे डायरेक्ट किया है.

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गाने के बोल हैं 'ना त बंबई में का बा ?इहवाँ का बा ?' मतलब एक प्रवासी मजदूर कह रहा है कि मुंबई में क्या रखा है. अपने गांव में वो मजदूर आनंद के साथ जीवन जी रहा था लेकिन रोजी रोटी कमाने के लिए मुंबई जैसे बड़े शहर में आकर वो सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहा है, पाव भाजिया खा रहा है. वहीं अपने गांव में मजे के साथ बाटी चोखा खाता था और परिवार के साथ जीवन व्यतीत करता हूं.
इस रैप को लिखा है डॉ सागर ने और म्यूजिक दिया है अनुराग सइकिया ने.

रैप के बोल-

1

दू बिगहा में घर बा लेकिन

सूतल बानी टेम्पू में

जिनगी ईअंझुराइल बाटे

नून तेल आ सेम्पू में

मनवा हरियर लागे भैया

हाथ लगवते माटी में

जियरा अजुवो अंटकल बाटे

गरमे चोखा बाटी में

जिनगी हम त जियल चाहीं

खेत बगइचा बारी में

छोड़छाड़ सब आइल बानी

हम इहवाँ लाचारी में

ना त बम्बई में का बा? इहवाँ का बा?

ना त बम्बई में का बा? इहवाँ का बा?

2

बनिके हम सिकोरटी वाला

डबल डियुटिया खटत बानी

ढिबरी के बाती के जइसे

रोज रोज़ हम घटत बानी

केकरा एतना सवख बाटे

मच्छर से कटवावे के

के चाहेला एह तरे

अपने के नर्भसावे के

गांव सहर के बिचवा में हम

गजबे कंफ्यूजिआइल बानी

दू जून की रोटी खातिर

बॉम्बे में हम आइल बानी

ना त बंबई में का बा?इहवाँ का बा?

ना त बम्बई में का बा? इहवाँ का बा?

3

घीव दूध आ माखन मिसरी

मिलेला हमरा गाँवे में

लेकिन इहवाँ काम चलत बा

खाली भजिया पावे में

काम काज ना गांव में बाटे

मिलत नाहीं नोकरिया हो

देखs कइसे हाँकत बाड़ें

जइसे भेंड़ बकरिया हो

काम धाम रोजगार रहित त

गंउवे स्वर्ग बनइतीं जा

जिला जवारी छोड़िके इहवाँ

ठोकर कांहें खइतीं जा

ना त बम्बई में का बा? इहवाँ का बा?

ना त बम्बई में का बा ? इहवाँ का बा?

4

कइसे केहू दुखवा बांटे

हम केतना मजबूर हईं

लरिका फरिका मेहरारू से

एक बरिस से दूर हईं

के छोड़ले बा एह तरे अब

हमहन के लाचारी में

अपना छोटकी बुचिया के हम

भर न सकीं अँकवारी में

बूढ़ पुरनिया माई बाबू

ताल तलैया छूट गइल

केकरा से देखलाईं मनवा

भितरे भितरे टूट गइल

ना त बम्बई में का बा? इहवाँ का बा?

ना त बम्बई में का बा? इहवाँ का बा?

5

हंसुवा अउरी खांची फरुहा

बड़की चोख कुदार उहां

लमहर चाकर घर दुतलिया

हमरो ए सरकार उंहा

हमरे हाथ बनावल बिल्डिंग

आसमान के छूवत बे

हम त झोपडपट्टी वाला

हमरे खोली चूवत बे

आके देख सहरिया बबुआ

का भेड़ियाधसान लगे

मुरगी के दरबा में जइसे

फंसल सभे के जान लगे

ना त बम्बई में का बा? इहवाँ का बा?

ना त बम्बई में का बा? इहवाँ का बा?

6

हाड़ ठेठावत दुनों परानी

खटत रहीं किसानी में

एक टांग प खाढ़ रहींजा

माघ महीना पानी में

एतना मुवला जियला पर भी

फूटल कौड़ी मिलत ना

लौना लकड़ी खर्ची बर्ची

घर के कमवा जूरत ना

महानगर के तौर तरीका

समझ में हमरा आवे ना

घड़ी घड़ी पर डांटे लोगवा

ढंग से कुछू बतावे ना

ना त बम्बई में का बा? इहवाँ का बा?

ना त बम्बई में का बा? इहवाँ का बा?

7

जबरा के हथवा में भैया

नियम और कानून उहां

छोटी छोटी बतियन प ऊ

कइ देलन स खून उहां

एह समाज में देखs केतना

ऊंच नीच के भेद हवे

उनका खातिर संविधान में

ना कौनो अनुच्छेद हवे

बेटा बेटी लेके गाँवे

जिनगी जियल मोहाल हवे

ना निम्मन इस्कूल कहीं बा

नाहीं अस्पताल हवे

ना त बम्बई में का बा? इहवाँ का बा?

ना त बम्बई में का बा? इहवाँ का बा?

8

जुलुम होत बा हमनी सँगवा

केतना अब बरदास करीं

देस के बड़का हाकिम लो पर

अब कइसे बिस्वास करीं

हम त भुइयां लेकिन तोहार

बहुते ऊंच सिंघासन बा

सबके पता ह केकरा चलते

ना घरवा में रासन बा

ए हाकिम लो!ए साहेब लो!

हमरो कुछ सुनवाई बा

गांव में रोगिया मरत बाड़ें

मिलत नाहीं दवाई बा

ना त बम्बई में का बा? इहवाँ का बा?

ना त बम्बई में का बा? इहवाँ का बा?

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