ADVERTISEMENTREMOVE AD

Chhath Songs 2019: खेसारी लाल से निरहुआ तक के इन गानों की धूम

छठ का त्योहार 4 दिनों तक चलता है. छठ की धूम भोजपुरी सिनेमा के सितारों के बीच भी देखने को मिलती है.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

छठ का त्योहार बिहार और झारखंडके अलावा कई राज्यों में धूमधाम से सेलिब्रेट किया जा रहा है. वहीं छठ पर्व से पहले ही भोजपुरी के कई नए छठ गाने और पुराने गीत वायरल होने लगे हैं. छठ का त्योहार बिहार, झारखंड और पूर्वांचल में मनाया जाता है. इस साल छठ पूजा 2 नवंबर को है. लेकिन इसकी शुरुआत 31 अक्टूबर से नहाए-खाए के साथ हो चुकी है. छठ का त्योहार 4 दिनों तक चलता है. छठ की धूम भोजपुरी सिनेमा के सितारों के बीच भी देखने को मिलती है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इस साल छठ पूजा के मौके पर भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव, निरहुआ (दिनेश लाल यादव) और पवन सिंह के अलावा अक्षरा सिंह, आम्रपाली दुबे और रितेश पांडे के गानों को पसंद किया जा रहा है. भोजपुरी छठ गीत हमेशा छठ पूजा से पहले पॉपुलर हो जाते हैं. देखिए इस साल छठ के मौके पर कौन-से गाने हो रहे वायरल.

0

भोजपुरी छठ गीत (Bhojpuri Chhath Geet 2019)

खेसारी लाल का गाना ‘उगी भईल अरघ के बेर’ छठ गीत को लोग काफी पसंद कर रहे हैं. आप भी देखिए-

ADVERTISEMENTREMOVE AD

फिल्म ‘निरहुआ चलल लंदन’ का गाना ‘पहिले पहल’ गाने की छठ से पहले धूम है. लोग इस गाने को बार-बार देख रहे हैं. हालांकि यह गाना पुराना है, जिसे मशहूर सिंगर शारदा सिन्हा ने गाया है. फिल्म में इस गाने को कल्पना ने आवाज दी है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

रितेश पांडे के इस गाने को लोग छठ के मौके पर काफी पसंद कर रहे हैं. इस गाने को लिरिक्स आर आर पंकज ने दिए हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

खेसारी लाल यादव और काजल राघवानी का यह गाना भी लोगों को रास आ रहा है. गाने को लाखों की संख्या में व्यूज मिल गए हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बिहार में सबसे ज्यादा प्रचलित

छठ पर्व बिहार का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. यह मुख्य रूप से बिहारवासियों का त्योहार है. इस पर्व के शुरुआत के पीछे की वजह अंगराज कर्ण से माना जाता है. अंगप्रदेश जो कि वर्तमान में भागलपुर (बिहार) में है. अंगराज कर्ण को लेकर एक कहानी है कि यह पांडवों की माता कुंती और सूर्य देवकी संतान हैं. कर्ण सूर्य को अपना अराध्य देव मानते थे. अपने राजा की सूर्य भक्ति से प्रभावित होकर अंगदेश के लोग सूर्यदेव की उपासना करने लगे. धीरे-धीरे यह पूरे बिहार में प्रचलित हो गया.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×