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बिग बॉस विनर ने लगाई हाईकोर्ट से गुहार, कहा- 'अब भी भुगत रहा हूं सजा'

आशुतोष कौशिक ने 'भूल जाने के अधिकार (Right To Be Forgotten)' के तहत दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है

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टीवी रिएलिटी शो पर धमाल मचाने वाले आशुतोष कौशिक जिन्हें बिग बॉस सीजन 2 (Bigg Boss) और रोडीज 5.0 (Roadies 5.0) का खिताब हासिल है, लंबे समय बाद एक बार फिर सुर्खियों में हैं. आशुतोष कौशिक ने 'भूल जाने के अधिकार (Right To Be Forgotten)' के तहत दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने इंटरनेट से उन पोस्ट, वीडियो, लेख आदि को हटाने का निर्देश देने की मांग की है, जो 2009 में उनके शराब पीकर गाड़ी चलाने से जुड़े हैं.

आशुतोष कौशिक ने मांग की है कि सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से उनके वीडियो और आर्टिकल्स हटा दिए जाएं. उनका कहना है कि कई साल पहले की गई गलतियों के लिए आज भी 'मनोवैज्ञानिक दर्द' भुगत रहे हैं. जिससे उनकी छवि प्रभावित हुई है.

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भुगत रहें हैं 'मनोवैज्ञानिक सजा'

आशुतोष कौशिक का कहना है कि वो कानून के रास्ते आगे जाएंगे. उन्होंने इस पर गुरुवार 22 जुलाई को हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए Google और अन्य चैनलों को जवाब देने के लिए एक महीने का समय दिया है. कोर्ट की अगली तारीख 1 दिसंबर है.

आशुतोष कौशिक का कहना है कि उन वीडियो के कारण शादी के कई प्रस्ताव वापस हो गए.

"कहीं से शादी का रिश्ता आता था, तो लड़की वाले उस वीडियो को देख आश्चर्य हो जाते थे, कि अपनी लड़की की शादी इससे करेंगे, कई रिश्ते वाले आए, उन्होने इंटरनेट पर सर्च किया वो वीडियो उन्हें दिखता और वो हैरान हो जाते."
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पिछले साल रचाई थी शादी

बता दें कि आशुतोष ने पिछले साल नोएडा में एक साधारण समारोह में शादी की थी. शादी के लिए बचाए गए पैसे को प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थितियों में राहत (PM Care Fund) फंड में दान कर दिया था. उन्होंने कहा,

"मैंने अपने अतीत में कुछ गलत किया है, मैंने जो किया उसके लिए कीमत चुकाई है, मुझे इसके लिए दंडित किया गया था, लेकिन व्यक्तिगत रूप से, यह मुझे अब तक प्रभावित कर रहा है.जो भी उन वीडियो को देखेगा, वह मान लेगा कि मैं अभी भी उस तरह की चीजें (झगड़े) कर रहा हूं. मुझसे ज्यादा बुरा मेरी मां को लगता है, वो मुझसे पूछती हैं, 'ये क्या है आशु?' मैं उन्हें सिर्फ इतना बता सकता था कि 'मैं क्या करूं, मुझसे गलती हो गई थी, उसकी मुझे सजा भी मिल गई पर आज भी मैं 'मनोवैज्ञानिक दर्द' भुगत रहा हूं', मेरे साथ यह दर्द मेरे परिवार वालों को भी भुगतना पड़ रहा है. मैं अपने परिवार की पीड़ा को सहन नहीं कर सका और इसलिए मैंने अदालत जाने का फैसला किया”
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आशुतोष कौशिक ने 2009 में शराब पीकर गाड़ी चलाने की घटना और 2013 में हुए विवाद से संबंधित सभी तस्वीरों, वीडियो और लेखों को इंटरनेट से हटाने की मांग की है. उन्हें कथित तौर पर शराब के नशे में मुंबई में अपनी बाइक की सवारी करते हुए पुलिस ने रोक लिया था. 2013 में, उन्हें मुंबई के एक होटल में एक विवाद में शामिल होने की सूचना मिली थी.

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क्या है 'भूल जाने का अधिकार'

भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है, जो 'भूल जाने' का प्रावधान देता है, लेकिन पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2019 के अनुसार इस अधिकार को मान्यता है. 'भूल जाने का अधिकार (Right To Be Forgotten)' सार्वजनिक रूप से उपलब्ध व्यक्तिगत जानकारी को किसी भी तरह के सर्च, इंटरनेट, डेटाबेस, वेबसाइट और अन्य सार्वजनिक प्लेटफॉर्म से हटाने का अधिकार देती है. जब यह व्यक्तिगत जानकारी प्रासंगिक नहीं रह जाती है तो इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटवाया जा सकता है.

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