हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के गाने लिखने वाले 15 लिरिसिस्ट ने एक गाना बनाया और इस गाने के जरिए वो मांग कर रहे हैं कि वो उनके लिखे गाने में उनको क्रेडिट दी जाए. इन कलाकारों का कहना है कि 'हमारी चाहत है कि हमें हमारे काम के लिए सम्मान मिले'. भावुक अपील करने वाले इस गाने को कौसर मुनीर, वरुण ग्रोवर और स्वानंद किरकिरे ने लिखा है. स्वानंद ने ही इस गाने में अपनी आवाज भी दी है.
इस भावुक अपील वाले गाने के बोल हैं-
तिनका-तिनका पंख उठा के, दिल का पूरा चंक उठा के
हमने दांव लगाया था, एक नन्हा गीत बनाया था
जिसे दुनिया सारी कूल कहे, क्या हमने गीत फिजूल कहे
पर अबे यार, हमको ही तुम भूल गए....
इन लेखकों का कहना है कि हर म्यूजिक कंपनी का यूट्यूब चैनल है और इन पर जो गाने डाले गए हैं उनमें से सैकड़ों गानों में गीतकारों के गलत नाम लिखे गए हैं या फिर लिखे ही नहीं गए हैं.
गीतकार वरुण ग्रोवर कहते हैं कि-
आपको हमारी शक्लें याद रहें या न रहें लेकिन कोशिश करें कि हमारा नाम याद रहे. क्योंकि सारी लड़ाई नाम की ही है. आप जहां भी हमारे गाने सुनते हैं म्यूजिक प्लेफॉर्म्स, एप्स या फिर म्यूजिक कंपनी के यूट्यूब चैनल पर वहां पर गीतकार का क्रेडिट गायब होता है. हम चाहते हैं कि वो हमें अच्छे से क्रेडिट दें. हम चाहते हैं कि आप भी इसमें हमारे साथ जुड़े और आवाज उठाएं.वरुण ग्रोवर, गीतकार
क्रेडिट देने की अपील करने वाले 15 गीतकार हैं-
समीर अंजान
अमिताभ भट्टाचार्य
नीलेश मिसरा
मनोज मुन्तशिर
मयूर पुरी
कुमार
अन्विता दत्ता
स्वनंद किरकिरे
कौसर मुनीर
राज शेखर
शैली
अभिरुचि चंद
हुसैन हैदरी
पुनीत शर्मा
वरुण ग्रोवर
इस दौर के बेहतरीन गीतकार हैं ये लोग
गीतकार वरुण ग्रोवर ने आज के दौर के काफी मशहूर गाने लिखे हैं. जैसे- ये मोह-मोह के धागे, काला रे, तू किसी रेल से गुजरती है, मूरा, मन कस्तूरी, तार बिजली.
इसके अलावा कौसर मुनीर ने भी इस दौर के मशहूर गाने लिखे हैं. जिनमें माशाअल्लाह, भर दो झोली मेरी, परेशां, सुनो ना संगमरमर, फलक तक जैसे गाने शामिल हैं.
स्वानंद किरकिरे जिन्होंने ये गाना गाया है वो गायक के साथ-साथ गीतकार भी हैं. उन्होंने भी कई ओ री चिरैया, बावरा मन जैसे मशहूर गाने लिखे और गाए हैं.
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