WEF के क्रिस्टल पुरस्कार से नवाजी जायेंगी दीपिका
दीपिका पादुकोण दावोस में होने जा रहे विश्व आर्थिक मंच 2020 में शामिल होने जा रही हैं, जहां उन्हें दुनिया भर से कुछ प्रमुख हस्तियों की मौजूदगी में प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
मेन्टल हेल्थ के लिए उनके असाधारण योगदान के लिए उन्हें वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के प्रतिष्ठित 26वें वार्षिक क्रिस्टल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
कभी खुशी... मेरे चेहरे पर एक तमाचा है : करण जौहर
फिल्मकार करण जौहर का कहना है कि साल 2001 में आई उनकी फिल्म 'कभी खुशी कभी गम' उनके चेहरे पर एक बड़ा तमाचा है और इसके साथ ही यह वास्तविकता से उनका सीधा सामना भी रहा है.
‘मैंने सोचा था कि मैं ‘मुगल-ए-आजम’ के बाद से आमिर खान की फिल्म ‘लगान’ और फरहान अख्तर की फिल्म ‘दिल चाहता है’ तक हिंदी सिनेमा की सबसे बड़ी फिल्म बना रहा हूं.’करण जौहर
करण जौहर का पहला लक्ष्य था फिल्म में एक बड़ी स्टार कास्ट को शामिल करना. उन्होंने कहा, "'कभी खुशी कभी गम' मेरे चेहरे पर एकमात्र सबसे बड़ा तमाचा था और वास्तविकता से मेरा सामना भी था."
यह फिल्म पारिवारिक पृष्ठभूमि पर आधारित थी. फिल्म में अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, शाहरुख खान, काजोल, ऋतिक रोशन और करीना कपूर जैसे बड़े सितारे मुख्य भूमिकाओं में थे और इनके साथ ही रानी मुखर्जी ने भी इसमें एक छोटा सा किरदार निभाया था.
करण ने ऑडिबल सुनो के शो 'पिक्चर के पीछे' में फिल्म के बारे में खुलासा किया. उन्होंने कहा कि समीक्षा और पुरस्कारों के मामले में फिल्म को मिली खराब प्रतिक्रिया से वह हैरान हो गए थे.
अपने पिता की पुण्यतिथि पर भावुक हुए अमिताभ बच्चन
बॉलीवुड एक्टर अमिताभ बच्चन ने अपने पिता और कवि हरिवंश राय बच्चन की पुण्यतिथि को याद करते हुए एक भावुक पोस्ट शेयर किया. अमिताभ बच्चन ने शनिवार की रात को ट्विटर पर अपने पिता की एक फोटो शेयर की जिसमें लिखा, "अभी कुछ क्षण पहले ही, उनका स्वर्गवास हुआ था..बाबूजी..हाथ पकड़ा हुआ था उनका मैंने..निर्मल, कोमल, मुलायम.. एक प्रतिभावान लेखनी”
देश जिस तरफ बढ़ रहा उससे सेक्युलरिज्म मिट जाएगा:सैफ
नागरिकता कानून को लेकर देश भर में प्रदर्शन हो रहे है. इस बीच फिल्म इंडस्ट्री भी दो खेमे में बंट गया है, एक जो खुलकर नागरिकता कानून का विरोध कर रहे हैं और दूसरा, जो इसका समर्थन कर रहे हैं या इस पर चुप हैं. हालांकि विरोधी खेमे में एक और नाम जुड़ गया है और वो है सैफ अली खान. फिल्म क्रिटिक अनुपमा चोपड़ा को दिए गए इंटरव्यू में सैफ ने कहा कि, "जिस तरह से देश आगे बढ़ रहा है उससे ये साफ है कि देश से सेक्युलरिज्म का नामो निशान मिट जाएगा.”
सैफ का मानना है कि, "लोग सही चीजों पर स्टैंड नहीं ले रहे हैं. अगर लोग किसी का विरोध कर रहे हैं तो उन्हें पीटा जा रहा है. अगर कोई एक्टर स्टैंड लेने की कोशिस करता है तो इसका सीधा असर उसकी फिल्म पर पड़ता है. इसलिए राजनीत से दूर रहना ज्यादा अच्छा विकल्प है.
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