नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) के सर्वे में देश में बेरोजगारी को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. सर्वे के मुताबिक, साल 2017-18 में बेरोजगारी की दर 6.1 फीसदी रही, जो कि पिछले 45 वर्षों में सबसे ज्यादा है.
बेरोजगारी हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रही है. कहते हैं कि फिल्मों समाज का आइना होती हैं. ये आइना पिछले काफी वर्षों से इस मुद्दे को बड़े पर्दे पर दिखाता रहा है. कभी दर्द, तो कभी मजाक के रूप में.
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एक छोटी सी नौकरी का (नौकरी)
मुझे मिल जो चाहे थोड़ा पैसा
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हाल चाल ठीक ठाक (मेरे अपने)
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चांद तारे (येस बॉस)
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जब नौकरी मिलेगी तो क्या होगा (मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी)
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पैसा ये पैसा (कर्ज)
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