ADVERTISEMENTREMOVE AD

दिलीप कुमार की उर्दू खूबसूरत थी, बेहतरीन नज्में सुनाते थे: क्विंट से गुलजार

Dilip Kumar के पसंदीदा शायरों में से एक फैज अहमद फैज थे

Updated
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार (Dilip Kumar) ने बुधवार सुबह (7 जुलाई) को आखिरी सांसे लीं. उनके जाने से न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि पूरा देश शोक ने है. लेकिन आज हम दिलीप कुमार के बारे में ऐसा कुछ जानने वाले हैं जो उनके बहुत करीब था.

0

गीतकार गुलजार ने क्विंट के साथ खास बातचीत में बताया कि दिलीप कुमार को ऊर्दू जबान बहुत प्यारी थी. वो अक्सर नजीर अकबराबादी की नज्में पढ़ा करते थे. उन्होंने कहा, "दिलीप कुमार खूबसूरत उर्दू बोलते थे. उनका तलफ्फुज बहुत अच्छा था."

गुलजार साहब ने कहा, "दिलीप कुमार क्योंकि पेशावर से थे तो उस वजह से उनकी जबान में फारसी का भी प्रभाव था. इसके साथ वो फिल्मों के सीन, स्क्रिप्ट भी ऊर्दू में लिखा करते थे. जब उन्हें किसी सीन के लिए डायलॉग याद करना होता था तो उसके लिए भी वो उसे ऊर्दू में लिखा करते थे."

"दिलीप कुमार की ऊर्दू के साथ-साथ उनकी पंजाबी भी बहुत अच्छी थी. वो मुझे सेट पर "ओ यारा" बुलाया करते थे और काफी पंजाबी भी बोला करते थे."
गुलजार
ADVERTISEMENTREMOVE AD

दिलीप कुमार की ऊर्दू और शेरो शायरी से मोहब्बत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपनी अदाकारी का राज शेरो शायरी को बताया था.

एक्टर टॉम अल्टर ने एक कार्यक्रम में दिलीप कुमार के साथ अपना एक किस्सा साझा करते हुए बताया था कि "एक बार मैंने दिलीप साहब से पूछा कि अच्छी एक्टिंग का राज क्या है? दिलीप कुमार ने बेझिझक कहा शेरो शायरी."

दिलीप कुमार के पसंदीदा शायरों में से एक फैज अहमद फैज थे. एक इंटरव्यू में खुद वो फैज की शायरी बोलते हुए कहते हैं "फैज साहब के चाहने वालो कई ऐसे भी हैं जो उनकी शायरी का कुछ हिस्सा समझें और कुछ नहीं. उनमें एक मैं भी हूं."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

एक कार्यक्रम में दिलीप कुमार और उर्दू शायर अहमद फराज भी साथ दिख चुके थे. अहमद फराज ने दिलीप कुमार को प्यार से संबोधित करते हुए 'यूसुफ जान' बुलाया था.

इसके अलावा दिलीप कुमार कई बार मुशायरों में शायरी करते हुए भी नजर आ चुके थे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×