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The Witcher: क्या ‘गेम ऑफ थ्रोंस’ से कहीं ज्यादा है ‘द विचर’?

लोग यह तर्क दे सकते हैं कि गेम ऑफ थ्रोन्स की वजह से ही द विचर की कल्पना की गई.

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खूनी जंग, कल्पना की उड़ान, जादूगरनी और जंगबाज

नहीं, मैं गेम ऑफ थ्रोन्स की नहीं, बल्कि दूसरे गेम ऑफ थ्रोन्स उर्फ नेटफ्लिक्स के नए हिट शो द विचर (अगर हेडलाइन से अंदाजा ना लगा हो) की बात कर रहा हूं. सिर्फ मैं नहीं, पॉप कल्चर के मुझ जैसे कई जुनूनी लोगों की भी यही राय है – इसकी वजह दोनों शो एक जैसे दिखने वाली चीजें ही नहीं बल्कि एक ही डायरेक्टर (कुछ एपिसोड के) एलिक साखारोव भी हैं.

इससे पहले कि हम आगे बढ़ें, मैं आपको आगाह कर दूं कि आगे मैं कुछ ऐसी बातें बताने जा रहा हूं जो Spoilers साबित हो सकते हैं.

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ग्रेट एक्सपेक्टेशन

‘द विचर’ बनाने वालों के लिए राह आसान नहीं थी, क्योंकि ना सिर्फ यह आंद्रेज सैपकोवस्की की किताबों पर आधारित है, बल्कि यह हमारे समय के सबसे मशहूर रोल-प्लेईंग गेम्स में एक से है. इससे भी बड़ी बात यह कि इसे ‘गेम ऑफ थ्रोन्स’ की कामयाबी से टक्कर लेनी है.

लोग यह तर्क दे सकते हैं कि गेम ऑफ थ्रोन्स की वजह से ही द विचर की कल्पना की गई.

हालांकि गेम ऑफ थ्रोन्स महज एक ग्रुप पर आधारित थी, इसलिए इसे बनाने वालों के पास दृश्यों से खेलने की आजादी थी, जो कि द विचर में मुमकिन नहीं है, क्योंकि मशहूर गेम से वाकिफ लोगों के जेहन में इससे जुड़े दृश्यों की एक उम्मीद बन चुकी है, सीरीज में इससे अलग दृश्यों के होने की संभावना बहुत कम रह जाती है.

हालांकि अब तक कही गई इन बातों से अलग इस शो में कई और खामियां हैं. पहले सीन से ही सुपरमैन – ओह, मेरा मतलब है गेराल्ट ऑफ रिविया – की मारधाड़ और राक्षस के शिकार के जरिए शो का रुख तैयार करने की कोशिश तो होती है, लेकिन यह स्क्रिप्ट की भूलभुलैया में फंस जाती है.

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द विचर एकसाथ तीन समयकाल में चल रहा होता है

जहां ‘गेम ऑफ थ्रोन्स’ की कहानी जमने में अपना वक्त लेती है और किरदारों की फौज को एक-एक कर कहानी से जोड़ते हुए दमदार तरीके से दर्शकों के सामने उतारा जाता है, द विचर में सब कुछ बहुत जल्दबाजी में होता है.

जहां GoT में पूरा एक सीजन दर्शकों को वेस्ट्रॉस और उसके किरदारों से रूबरू कराने में खत्म हो जाता है, द विचर में हर चीज की बमबारी हो जाती है. और अगर आपने यह गेम नहीं खेला है या किताबें नहीं पढ़ी हैं, आप बड़े घाटे में रहेंगे, क्योंकि आप पर कई अनजान शब्दों की बरसात हो जाएगी और आप शो को रोक कर गूगल पर उन शब्दों के मायने ढूढने लगेंगे. और यह मत भूलिए कि शो समय के साथ भी खूब खेल करता है – लेकिन यह आपको आधा सीजन खत्म होने तक समझ नहीं आएगा, जब आपका दिमाग फटने के कगार पर होता है.

कहानी 70 साल के समयकाल में बेहद छोटे-छोटे प्रसंग के साथ आगे-पीछे भागती रहती है. लेकिन तब तक बेसुधी में यह सोच रहे होते हैं कि आखिर यहां हो क्या रहा है? कौन क्या कर रहा है? और भी कई सवाल होते हैं.

द विचर तीन समयकाल में चल रहा होता है – गेराल्ट ऑफ रिविया के दैत्य के शिकार की कहानी, येनेफर ऑफ वेंगरबर्ग के जन्म की कहानी और निल्फार्ड के हाथों अपना साम्राज्य खोने के बाद सिरी की कहानी. तीनों किरदार एक दूसरे से जुड़े हैं, लेकिन इनका समय बिलकुल अलग-अलग होता है.

यह सब आपको बुरी तरह उलझा सकता है, लेकिन आप सीजन के आखिरी तक शो से चिपके रहेंगे – खास तौर पर इसलिए कि आपको पूरी कहानी ठीक से समझ में आ जाए.

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शो का मेन हीरो, गेराल्ट ऑफ रिविया दुखी, अलग-थलग और घुमंतू किस्म का किरदार है, जो कि बोलता कम है लेकिन समझ काफी गहरी रखता है, कई बार वो हंसाने वाली पंचलाइन भी जड़ देता है. कई आलोचकों का तर्क है यह कोई आसान किरदार नहीं है और हेनरी कैविल इतना ही कर सकते थे.

गेराल्ट हमेशा किसी धुन में खोया रहता है, ज्यादातर उसकी जुबान से गालियां निकलती हैं, वो एक सुस्त और हल्का किरदार लगता है. ये किरदार बहुत हद तक गंभीर जॉन स्नो के जैसा है, लेकिन बेहतर तलवारबाजी करता है

उसके किरदार में नया रंग लाने की कोशिश तभी दिखती है, जब वो येनेफर से बात कर रहा होता है, जब वो अपने दो शब्दों की दुनिया से बाहर निकलता है. इसके अलावा गेराल्ट का किरदार शो में जान फूंकने में पूरी तरह नाकाम रहता है, दर्शकों पर कोई खास असर नहीं छोड़ता. इसके साथ-साथ स्क्रिप्ट भी उसके एक्शन और मोटिवेशन में कोई ज्यादा जान नहीं डाल पाती.

जैसा कि बीबीसी ने कहा, अगर आप इस किरदार के बारे में नहीं जानते, तो आप हैरान रह जाएंगे आखिर क्यों कोई इसके ईदगिर्द एक टीवी शो तैयार करना चाहेगा.

लेकिन शो के सेंटर में सिर्फ गेराल्ट नहीं है.
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महिलाएं जो तलवार उठाने से पीछे नहीं हटतीं

लोग यह तर्क दे सकते हैं कि गेम ऑफ थ्रोन्स की वजह से ही द विचर की कल्पना की गई.
रेन्फ्री vs गेराल्ट
(फोटो: Netflix)

एक रेडिट यूजर के मुताबिक इस शो के यादगार लम्हों में से एक है रेन्फ्री (एमा एप्लटन) का तलवार उठाकर गेराल्ट का सामना करना. पहले एपिसोड के इस सीन से साफ हो जाता है कि पूरे शो में महिलाओं को कैसे चित्रित किया गया है. महिलाएं इस शो के सेंटर में हैं और कई बार मर्द किरदारों पर हावी हो जाती हैं. महिलाओं का किरदार सीधा सपाट नहीं, बल्कि जटिल है और उनके कई आयाम नजर आते हैं, जिसमें जंग में कूदना और सत्ता पाने की चाहत रखना भी शामिल है. शो में उन्हें मर्द किरदारों के बराबर की अहमियत दी गई है.

जब महिलाओं की बात आती है तो ड्रामे का हिस्सा छोड़ दो तो शो में सामाजिक मसलों को भी बखूबी दिखाया गया है. येनेफर इस शो की सबसे जटिल किरदार है: एक जादू टोना करने वाली महिला जो सत्ता की भूख और संतोष की चाहत के बीच फंसी है. अगर आप जादू टोना को अलग भी कर दें तो येनेफर ऐसी किरदार है जिससे आप जुड़ जाते हैं.

द डेली बीस्ट का तर्क है कोई और शो होता तो यह किरदार अपनी सेक्सुएलिटी के जरिए सत्ता के शिखर तक पहुंचता दिखता, लेकिन यहां वो जादू-टोना के सहारे सत्ता हासिल करना चाहती है और सेक्स का आनंद किसी और वजह से उठाती है.

अब यह मैं आप पर छोड़ता हूं कि आप द विचर को दूसरा गेम ऑफ थ्रोन्स मानते हैं या इसमें वो देखते हैं जो GoT में नहीं था.

शो की खामियों को आने वाली सीजन में दूर किया जाना जरूरी है, क्योंकि अगर नंबर पर गौर करें, इसने दर्शकों को बांध कर जरूर रखा है. अगला गेम ऑफ थ्रोन्स साबित हो या नहीं, लेकिन इस शो में दमखम बहुत है और आगे यही उम्मीद की जा सकती है कि GoT की तरह इसका भी अंत निराशाजनक ना हो.

तब तक आप द विचर के नाम पर एक सिक्का उछालिए और इसे एक मौका दीजिए.

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