एक्टर रणबीर कपूर और डायरेक्ट संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म ‘एनिमल’ (Animal) साल 2023 की सबसे ब्लॉकबस्टर फिल्मों में से एक थी. ‘एनिमल’ ने अबतक दुनिया भर में लगभग 900 करोड़ रुपये की कमाई की है. फिल्म को जहां वर्ल्डवाइड खूब पसन्द किया गया, वहीं इसे अलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा. फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई लोगों ने भी फिल्म की काफी आलोचना की है. अब इसमें एक नाम गीतकार जावेद अख्तर का भी जुड़ गया है. उन्होंने कहा कि इस फिल्म का हिट होना बड़ी खतरनाक बात है.
एनिमल का सुपरहिट होना खतरनाक: जावेद अख्तर
रणबीर कपूर के फैंस की एक बड़ी जमात को यह फिल्म पसंद आई और फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन यह बयां भी कर रहा है. लेकिन साथ ही ऐसे लोगों की भी बड़ी संख्या है जिन्होंने कथित 'अल्फा मेल' के कॉन्सेप्ट को गलत तरीके से दिखाने का आरोप लगकार वांगा की इस फिल्म की आलोचना की है.
आलोचकों में पटकथा लेखक, गीतकार और कवि जावेद अख्तर भी शामिल हैं, जिन्होंने सलीम खान के साथ मिलकर भारतीय सिनेमा के इतिहास की कुछ सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्में बनाईं है.
जावेद अख्तर ने औरंगाबाद के छत्रपति संभाजीनगर में 9वें अजंता-एलोरा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में बोलते हुए एनिमल जैसी फिल्मों की सफलता पर चिंता व्यक्त की.
जावेद अख्तर ने फिल्म' एनिमल' के बारे में बात करते हुए कहा, 'अगर कोई फिल्म, जिसमें एक आदमी औरत से कहे तू मेरे जूते चाट. अगर एक आदमी कहे इस औरत को थप्पड़ मार देने में क्या खराबी है? अगर वो पिक्चर सुपरहिट हो तो बड़ी खतरनाक बात है'
जावेद अख्तर ‘एनिमल’ में रणबीर कपूर और तृप्ति डिमरी के किरदारों के बीच एक सीन का जिक्र कर रहे थे.
जावेद अख्तर ने उठाए सवाल
जावेद अख्तर ने राइटर के कैरेक्टर लिखने को लेकर बड़ी बात कही. उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि आज जो राइटर है उनके सामने बहुत बड़ा प्रॉब्लम है कैसे आदमी को आज का हीरो कहें? उसे हीरो किस तरह से कहे? क्या कहे? यह कन्फ्यूजन इसलिए है क्योंकि समाज में कन्फ्यूजन है. जब समाज क्लियर होता है कि क्या गलत है और क्या सही है तब आपको बड़े कैरेक्टर मिलते हैं.'
"जब समाज ही तय ना कर पाए कि क्या गलत है और क्या सही है तो फिर बड़े कैरेक्टर नहीं बन पाते. एक जमाने में जिंदगी बड़ी सादा थी. कहानियों में अमीर लोग बुरे होते थे, गरीब लोग अच्छे होते थे. अब हम सबके दिमाग में एक ही सवाल है कि कौन बनेगा करोड़पति. तो अब हम अमीरों को बुरा नहीं दिखा सकते. हम तो खुद अमीर बनना चाहते हैं. तो हम बुरा किसको कहे और जेल भी नहीं जाना चाहते. मैं समझता हूं किया जो युवा फिल्म मेकर्स के सामने बड़ा इम्तिहान है कि आप किस तरह का चरित्र बना के पेश करेंगे. और यह समाज किस चरित्र की पर वाह वाह करेगा.जावेद अख्तर
जावेद अख्तर ने गानों पर उठाए सवाल
जावेद अख्तर ने फिल्म खलनायक और आनंद बख्शी का लिखा गाना 'चोली के पीछे क्या है' को लेकर भी टिप्पणी की. यह 90 दश्क के सुपरहिट गानों में से एक थी.
”मुझे लोग बोलते हैं कि साहब, आजकल कैसे गाने होने लगे हैं? गाने तो 6-8 आदमी मिलकर बनाते हैं. 'चोली के पीछे क्या है' एक आदमी ने लिखा था, दो आदमी ने कंपोज किया था, दो लड़कियों ने उसपर डांस किया था, एक कैमरामैन ने शूट किया था, एक कोरियोग्राफर ने उसे अरेंज किया. यह आठ या नौ लोगों का प्रॉब्लम नहीं है. प्रॉब्लम यह है कि गाना समाज में सुपरहिट हो गया था. यह करोड़ों लोगों को अच्छा लगा था. यह डरावनी बात है .”
"दर्शकों के पास बड़ी जिम्मेदारी"
जावेद अख्तर के अनुसार फिल्म बनाने वालों से ज्यादा जिम्मेदारी दर्शकों की है. उन्होंने कहा कि,”हमें ऐसा लगता है कि एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी इस वक्त सिनेमा बनाने वालों से ज्यादा सिनेमा देखने वालों की है. यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप तय कीजिये कैसी फिल्में बनेंगी और कैसी फिल्में नहीं बनेंगी.”
"हमारी फिल्मों में क्या संस्कार होंगे, क्या वैल्यूज होंगी, क्या मोरैलिटी होगी और किसको आप रिजेक्ट करेंगे- यह फैसला आपको करना है. गेंद आपके पाले में है. आज भी बहुत सारे फिल्म मेकर अच्छी फिल्में बना रहे हैं, लेकिन केवल कुछ ही हैं."जावेद अख्तर
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)