फिल्म 'पीएम नरेंद्र मोदी' के मेकर्स को चुनाव आयोग का नोटिस मिलने के बाद गुरुवार को विवेक ओबेरॉय और प्रोड्यूसर संदीप सिंह ने ऑफिस पहुंचकर अपना जवाब आयोग को दिया. विवेक ओबेरॉय के वकील हितेश जैन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग को एक विस्तृत जवाब दिया है.
फिल्म के खिलाफ कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी, जिसके बाद आयोग आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में फिल्म के मेकर्स को नोटिस भेजा था. वकील ने कहा, 'हमने सबमिट किया है कि बायोपिक पीएम नरेंद्र मोदी आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हैं.'
इससे पहले सोमवार को कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक की रिलीज रोकने के लिए चुनाव आयोग का रुख किया था. कांग्रेस का आरोप था कि ये फिल्म राजनीतिक रूप से प्रेरित है, जिसका उद्देश्य लोकसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा पहुंचाना है.
फिल्म की रिलीज डेट पर विपक्ष पहले से ही सवाल उठा रहा है. फिल्म की रिलीज डेट पहले 12 अप्रैल तय की गई थी, लेकिन अब इसे एक हफ्ते पहले 5 अप्रैल को रिलीज किया जा रहा है. वहीं 11 अप्रैल से देश में लोकसभा चुनाव शुरू हैं. ऐसे में विपक्ष का आरोप है कि ठीक चुनाव के समय इसे रिलीज करने का मकसद पीएम की छवि चमकाना है.
पीटीआई की खबर के मुताबिक कपिल सिब्बल ने फिल्म पर कहा था,
इस फिल्म का उद्देश्य सिर्फ राजनीतिक है, चुनावों में फायदा पहुंचाना. ये सभी नियमों का उल्लंघन है. ये कोई आर्टिस्टिक वेंचर नहीं है, ये पॉलिटिकल है. हमने यही चुनाव आयोग को कहा है और इसकी इजाजत नहीं मिलनी चाहिए.
कपिल सिब्बल ने कहा कि ये संविधान के आर्टिकल 324, केबल नेटवर्क रूल और रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट के सेक्शन 126 का उल्लंघन है.
विवादों में घिरती जा रही है फिल्म
चुनाव आयोग से मिला नोटिस ही ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ फिल्म का पहला विवाद नहीं है. इससे पहले गीतकार जावेद अख्तर और समीर मेकर्स पर जबरन उनका नाम इस्तेमाल करने का आरोप लगा चुके हैं.
जावेद अख्तर ने ट्वीट कर लिखा, ‘फिल्म के पोस्टर में अपना नाम देखकर शॉक्ड हूं. इसके लिए मैंने कोई गाना नहीं लिखा है.’
वहीं समीर भी फिल्म के क्रेडिट सीन में अपना नाम देखकर हैरान थे. दोनों गीतकारों की आपत्ति के बाद फिल्म के प्रोड्यूसर संदीप सिंह ने साफ किया था कि उन्होंने फिल्म में दोनों लेखकों के पुराने गाने इस्तेमाल किए हैं, जिसके कारण क्रेडिट सीन में उनका नाम दिया गया है.
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