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‘द ताशकंद फाइल्स’ का ट्रेलर, लाल बहादुर शास्त्री की मौत का राज

‘द ताशकंद फाइल्स’ फिल्म 12 अप्रैल 2019 को रिलीज हो रही है.

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‘द ताशकंद फाइल्स’ का ट्रेलर रिलीज हो गया है. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जिंदगी पर आधारित इस फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, नसीरुद्दीन शाह, पल्लवी जोशी, पंकज त्रिपाठी, मंदिरा बेदी, श्वेता बसु प्रसाद जैसे स्टार हैं. लगभग 3 मिनट के इस ट्रेलर की शुरुआत लाल बहादुर शास्त्री की झलकियों से होती है. और एक बार फिर वही सवाल उठता है जिसका पूरे देश को आज तक जवाब नहीं मिला.

सवाल ये कि देश के दूसरे प्रधानमंत्री ताशकंद जाते हैं, वॉर ट्रीटी पर साइन करते हैं और हमेशा के गहरी नींद में सो जाते हैं. इस रहस्य पर से कभी पर्दा नहीं उठा कि उनकी मौत हार्ट फेल से हुई थी या उन्हें जहर दिया गया था. इन्हीं सब सवालों को तलाशती फिल्म की कहानी नजर आ रही है.

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ट्रेंड एनालिस्ट तरण आदर्श ने फिल्म का पोस्टर शेयर किया था, जिसमें 'सभी नेशनल अवॉर्ड विनर्स शामिल हैं. विवेक अग्निहोत्री के डायरेक्शन में बन रही ये फिल्म 12 अप्रैल 2019 को रिलीज हो रही है.

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भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की ताशकंद में रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी. कई साल बाद भी उनकी मौत की गुत्थी नहीं सुलझी.

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हेट स्टोरी, बुद्धा इन अ ट्रैफिक जाम जैसी कई फिल्में डायरेक्ट करने वाले विवेक अग्निहोत्री ने पिछले साल एक ट्वीट कर लिखा था-

इस दिन हमारे दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की ताशकंद में रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी. ये हार्ट अटैक था या उन्हें जहर दिया गया था? 52 साल बाद भी आजाद भारत में गुप्त रखी गई इस बात का खुलासा नागरिकों, उनके परिजनों और समर्थकों के सामने नहीं हुआ है. कई साल के रिसर्च के बाद मैं ये फिल्म बनाने जा रहा हूं.

आगे उन्होंने लिखा “हिंदुस्तान का नागरिक होने के नाते, ये हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है कि हमारे दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत कैसे हुई ये जानें. क्योंकि कुछ लोग कहते हैं कि उनकी नैचुरल डेथ हुई थी जबकि कुछ लोगों को इसमें संदेह लगता है. मैं इसी रहस्य को फिल्म 'द ताशकंद फाइल्स' के जरिए सुलझाने की कोशिश कर रहा हूं.”

दरअसल, लालबहादुर शास्त्री की मौत करीब पांच दशक गुजर जाने के बाद भी रहस्य ही बनी हुई है. भारत पाकिस्तान के बीच 1965 का युद्ध खत्म होने के बाद 10 जनवरी 1966 को शास्त्रीजी ने पाकिस्तानी सैन्य शासक जनरल अयूब खान के साथ उज्बेकिस्तान के ताशकंद शहर में ऐतिहासिक शांति समझौता किया था.

आश्चर्यजनक रुप से उसी रात शास्त्रीजी का कथित तौर पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. बता दें, वो पहले व्यक्ति थे, जिन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से नवाजा गया था.

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