फिल्म डायरेक्टर कबीर खान का कहना है कि दक्षिणपंथियों का स्वतंत्रता सेनानियों को हथियाना और इतिहास के साथ छेड़छाड़ करना उन्हें चिंतित करता है और धार्मिक चश्मे से इतिहास को देखना काफी खतरनाक है.
‘दुर्भाग्यपूर्ण समय है क्योंकि नई तरह की बातें चलाई जा रही है और एक निश्चित विचारधारा के लिए इतिहास से छेड़छाड़ की जा रही है.’कबीर खान, डायरेक्टर
'बादशाहों की धार्मिक पहचान अब बातचीत का हिस्सा'
पीटीआई के साथ इंटरव्यू में डायरेक्टर ने कहा कि कैसे बादशाहों की धार्मिक पहचान अब बातचीत का हिस्सा बन गई है. उन्होंने कहा, ‘मुगल अब अचानक से आक्रांत हो गए और ‘मुगलों की धार्मिक पहचान’ अब... इसका सामना करें. वो लड़ाइयां धर्म के बारे में नहीं बल्कि क्षेत्रों के बारे में थीं.’
‘वो दिल्ली चाहते थे और आप भी दिल्ली चाहते थे. कई बार आप और वो दिल्ली से उतनी ही दूरी पर थे. दिल्ली को कभी वह जीते और कभी आप. लेकिन यह धर्म के बारे में कभी नहीं था.’कबीर खान, डायरेक्टर
'राजाओं को फर्क नहीं था सामने वाला हिंदू है या मुस्लिम'
खान ने आगे कहा, ‘लोदी ने सत्ता किससे ली? तुगलक से, उन्होंने खिलजी से ली और यह हजारों साल तक चलता रहा. उनकी लड़ाई के पीछे धर्म कभी आधार नहीं रहा. मध्यकालीन इतिहास में राजा क्षेत्र चाहते थे और उन्हें इस बात से फर्क नहीं पड़ता था कि सामने वाला हिंदू, मुस्लिम या ईसाई है.’
अब इन लड़ाइयों को दोबारा पेश किया जा रहा है और इसे धर्मों की लड़ाई बताया जा रहा है जो कि खतरनाक है और इतिहास के साथ घातक छेड़छाड़ है.
अमेजन प्राइम पर खान की वेब सीरीज ‘द फॉरगॉटन आर्मी’ आ रही है जो कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी पर है. ‘द फॉरगॉटन आर्मी’ 24 जनवरी से अमेजन प्राइम पर रिलीज होगी.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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