बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने गीतकार जावेद अख्तर(lyricist Javed Akhtar) द्वारा दर्ज किए गए मानहानि केस को रद्द करने की अपील की थी. न्यायमूर्ति रेवती मोहिते की एकल न्यायाधीश पीठ डेरे ने फैसला सुनाया.
बता दें कि यह मामला बीते साल अभिनेता सुशांत सिंह के निधन के बाद का है. अपनी शिकायत में अख्तर ने आरोप लगाया था कि सुशांत के निधन के बाद रनौत ने रिपब्लिक टीवी को दिए गए इटरव्यू में आम जनता की नजर में उन्हें (अख्तर) को बदनाम करने और कलंकित करने के लिए अपमानजनक बयान दिया था.वहीं, जुलाई में, कंगना रनौत ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और उनके खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही को चुनौती दी.
कंगना के खिलाफ फरवरी में शुरू हुई कार्यवाही
रनौत के खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही फरवरी में शुरू हुई और उन्हें मार्च में जमानती वारंट दिया गया और बाद में उन्हें जमानत दे दी गई. पहले की सुनवाई में, कंगना रनौत के वकील, रिजवान सिद्दीकी ने तर्क दिया कि मजिस्ट्रेट द्वारा जांच करने के आदेश 'यांत्रिक' थे. दूसरी ओर, जावेद अख्तर के वकील, जय भारद्वाज ने याचिका का विरोध किया और तर्क दिया कि मजिस्ट्रेट ने उचित प्रक्रिया का पालन किया और लोगों को 'निष्पक्ष जांच' करने के लिए बुलाया, लेकिन कंगना रनौत सुनवाई में शामिल नहीं हुईं.
बॉम्बे हाईकोर्ट में चल रहा है मामला
जस्टिस रेवती डेरे ने तब अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था और कहा था कि दो बातों पर विचार करने की आवश्यकता है- क्या मजिस्ट्रेट सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) के तहत 'जांच' का आदेश दे सकता है और क्या मजिस्ट्रेट की कार्रवाई 'यांत्रिक' थी.
जावेद और कंगना का मामला बॉम्बे हाईकोर्ट में चल रहा है, कंगना ने अपने खिलाफ हो रही कार्रवाई को खारिज करने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी. अब जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
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