गणतंत्र दिवस से ठीक पहले 25 जनवरी को जब देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मानों की घोषणा हुई, तो कई लोगों के मन में एक सवाल आया- 'अदनान सामी को पद्मश्री क्यों दिया जा रहा है?'
अदनान सामी ने 2000 में 'मुझको भी तो लिफ्ट करा दे!' गाया था... और अब ऐसा लगता है कि बीजेपी सरकार ने 20 सालों बाद पद्मश्री से उन्हें जवाब दिया.
‘मैं खुश और सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि मुझे इतना बड़ा पुरस्कार दिया गया है. मुझे और मेरे संगीत को प्यार करने के लिए मैं लोगों का आभारी हूं, मैं भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं. पुरस्कार मेरे और मेरे परिवार के लिए गर्व की बात है.’अदनान सामी ने ANI से कहा
कुछ पार्टियों ने सरकार के इस फैसले को 'भारत के लोगों का अपमान' बताया. कुछ ने अदनान सामी के पिता, अरशद सामी खान के पिता की जानकारी सामने ले आए, जो पाकिस्तान एयरफोर्स में एक फाइटर पायलट थे और 1965 के युद्ध में भारत के खिलाफ लड़े थे.
द वीक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 'पाकिस्तान एयरफोर्स म्यूजियम की वेबसाइट पर अरशद सामी को लेकर लिखा गया है कि, "उन्होंने भारत के साथ हुए युद्ध के दौरान सबसे ज्यादा कॉम्बैट अभियानों को अंजाम दिया."' और इससे नुकसान क्या हुआ? पाकिस्तान एयरफोर्स म्यूजियम में हुई एक एंट्री के मुताबिक- उन्होंने 1 एयरक्राफ्ट, 15 टैंक, 22 व्हीकल और 2 हैवी गन को बर्बाद कर दिया था और 8 टैंक और 19 व्हीकल को घायल कर दिया था.
इतना ही नहीं, पाकिस्तानी सेना को कवर करने वाली वेबसाइट डिफेंस जर्नल के 2000 में छपे एक आर्टिकल को कोट करते हुए रिपोर्ट में लिखा है, 'अर्शद सामी खान पाकिस्तान एयरफोर्स स्ट्राइक फॉर्मेशन का हिस्सा था, जिसने 6 सितंबर, 1965 को पठानकोट में भारतीय एयरफोर्स बेस पर हमला किया था. पाकिस्तान एयरफोर्स फॉर्मेशन अमेरिका द्वारा आपूर्ति की गई एफ-86 Sabre लड़ाकू विमानों को उड़ा रहा था. पाकिस्तान एयरफोर्स ने दावा किया था कि उसके एफ-86 लड़ाकू विमानों ने, जो रॉकेट और बमों से लैस थे, उन्होंने 'सात मिग-21, पांच Mysteres और एक Fairchild सी-119 (ट्रांसपोर्ट विमान) को मार गिराया था.'
लेकिन, क्या हमें अदनान सामी को पाकिस्तान एयरफोर्स ऑफिसर के तौर पर किए गए उनके पिता के कामों के लिए जिम्मेदार ठहराना चाहिए? बिल्कुल भी नहीं!
जैसा कि अदनान सामी ने खुद कहा, 'क्या एक बेटे को उसके माता-पिता के किए कामों के लिए जिम्मेदार या दंड दिया जाना चाहिए?'
लेकिन फिर वही बात कि क्या सत्ता में बैठी वही राइट विंग पार्टी और उसके कार्यकर्ता किसी दूसरी सरकार को छोड़ते अगर वो अदनान सामी को पद्मश्री से सम्मानित करती तो? इसका जवाब ढूंढना कोई ज्यादा मुश्किल नहीं होगा!
यही ट्रोल आर्मी, जो अभी पद्मश्री मिलने पर अदनान सामी का बचाव कर रही है, वो ऐसा करने पर उन्हें और उनके समर्थकों को 'एंटी-नेशनल' और 'टुकड़े-टुकड़े' गैंग का सदस्य बता देती.
लेकिन, सवाल अभी भी बनता है, कि आखिर इस सम्मान के लिए अदनान सामी ने किया क्या है? पद्म पुरस्कार 'सभी क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों/सर्विस के लिए' लोगों को दिया जाता है.
अब, देश के मौजूदा सियासी हालातों पर ध्यान दें तो, किसी को सामी के पॉपुलर गानों को लिस्ट देखने की जरूरत नहीं है कि आखिर उनकी ऐसी कौन सी 'असाधारण उपलब्धि' थी.
सामी का 10 दिसंबर को किया हुआ ट्वीट खुद ही सब बता रहा है. इस ट्वीट में अदनान सामी ने CAA को लेकर सरकारी अफसरों की ही बातें दोहराई थीं.
एक (पूर्व पाकिस्तानी) और अब भारतीय मुस्लिम का नागरिकता कानून को समर्थन देना सरकार के लिए सबसे बड़ी बात थी. मजेदार बात ये है कि हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी लोगों की तरह, CAA लागू होने के बाद सामी को अपने आप नागरिकता नहीं मिल जाती.
इससे भी ज्यादा मजेदार बात है कि 2016 में किन मानवीय आधार पर सामी को नागरिकता मिली, इसपर अब सवाल खड़ा हो गया है. ट्विटर पर एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने कुछ सवाल खड़े किए हैं:
- पाकिस्तानी नागरिक होते हुए, अदनान सामी ने 2003 में RBI की अनुमति के बिना मुंबई में ओबरॉय ग्रुप से 8 लग्जरी फ्लैट खरीदे.
- 2010 में, ED ने सामी को 20 लाख रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया और 8 फ्लैटों को जब्त करने का भी आदेश दिया, क्योंकि एक पाकिस्तानी नागरिक भारत में अचल संपत्ति नहीं खरीद सकता है.
- भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के बाद, 1 जनवरी 2016 को अदनान सामी को न्यूट्रिलाइजेशन का सर्टिफिकेट मिला.
- 2019 में, ED ट्रिब्यूनल ने अपने पहले आदेश को रद्द करते हुए, अदनान सामी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, लेकिन ये भी आदेश दिया कि उनकी संपत्ति अब जब्त नहीं की जाएगी क्योंकि वो भारत का नागरिक हैं.
अब जहां हम ये समझने की कोशिश कर रहे हैं कि क्यों अदनान सामी बाकी पाकिस्तानी मुस्लिमों को आसानी से भारतीय नागरिकता मिलने के पक्ष में नहीं हैं, उम्मीद करते हैं कि सिंगर को पद्मश्री मिलने वाले मुद्दे को भी जल्द कोई 'मानवीय आधार' मिल जाए!
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