बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) ने क्रूज शिप ड्रग पार्टी मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) का रुख किया है, जिसमें जस्टिस नितिन सांब्रे की सिंगल बेंच द्वारा दी गई जमानत की शर्तों में संशोधन की मांग की गई है. आर्यन खान ने हर शुक्रवार को एनसीबी मुंबई ऑफिस के सामने पेश होने की शर्त में ढील देने की मांग की है.
गौरतलब है कि बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस नितिन सांब्रे की सिंगल बेंच ने 28 अक्टूबर, 2021 को क्रूज शिप ड्रग मामले में आर्यन खान और सह-आरोपी अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा द्वारा दायर जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया था.
लेकिन अगले दिन, हाईकोर्ट ने बेल ऑर्डर जारी किया था जिसमें तीनों आरोपियों के सामने जमानत की 13 शर्तों को निर्धारित किया गया. शर्तों में से एक शर्त थी कि एनसीबी के मुंबई कार्यालय में हर शुक्रवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच तीनों आरोपियों को अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए उपस्थित होना था.
आर्यन खान ने किन आधारों पर आदेश में संशोधन की मांग की है ?
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार आर्यन खान ने निम्न आधारों पर आदेश में संशोधन की मांग की है:
चूंकि जांच को एनसीबी के दिल्ली ऑफिस के विशेष जांच दल को ट्रांसफर कर दिया गया है, इसलिए उनके मुंबई कार्यालय में उपस्थिति में ढील दी जा सकती है.हर शुक्रवार को जब आर्यन खान मुंबई में एनसीबी ऑफिस पहुंचते हैं तो ऑफिस के बाहर मीडिया की बड़ी उपस्थिति के कारण पुलिसकर्मियों द्वारा उन्हें घेर लिया जाता है.
इन्हीं आधार पर आर्यन खान ने हर शुक्रवार को एनसीबी मुंबई ऑफिस के सामने पेश होने की शर्त में ढील देने की मांग की है.
आर्यन खान केस: आरोपी सप्लायर जमानत के लिए पहुंचा अदालत
क्रूज शिप ड्रग पार्टी मामले में गिरफ्तार एक कथित ड्रग सप्लायर अब्दुल कादर शेख ने जमानत के लिए मुंबई की एक अदालत का रुख किया है. इसी केस में आर्यन खान मुख्य आरोपी है.
30 वर्षीय आरोपी को कथित तौर पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने मुंबई के एक बस स्टॉप पर 54.3 ग्राम मेफेड्रोन और 2.5 ग्राम परमानंद के साथ पकड़ा था, जो एक व्यावसायिक मात्रा है.
उस पर एनडीपीएस एक्ट की धारा 22 (बी), 22 (सी), 27, 27 ए, 28, 29 और 35 के तहत दंडनीय अपराध करने का मामला दर्ज किया गया था. हालांकि शेख ने दावा किया कि रिमांड के लिए मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किए जाने से पहले उसे 24 घंटे से अधिक समय तक एनसीबी द्वारा अवैध रूप से हिरासत में रखा गया था.
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