दिल्ली हाईकोर्ट ने 5G के खिलाफ दायर जूही चावला की याचिका को खारिज कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने एक्ट्रेस पर 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट का कहना है कि याचिकाकर्ता ने कानून की प्रक्रिया का उल्लंघन किया है. कोर्ट ने ये भी कहा है कि ऐसा लगता है कि ये याचिका पब्लिसिटी के लिए दायर की गई थी. सुनवाई का लिंक जूही चावला ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था, इस पर भी कोर्ट ने जूही को फटकार लगाते हुए कहा है कि इस वजह से कार्यवाही तीन बार बाधित हुई. कोर्ट ने आदेश दिया है कि दिल्ली पुलिस सुनवाई बाधित करने वाले उस शख्स को ढूंढे औऱ उस पर कार्रवाई करे.
सुनवाई के बीच शख्स लगा था गाना गाने
बता दें कि दो जून को जूही चावला की याचिका पर सुनवाई चल रही थी. इस दौरान ही बॉलीवुड के गाने सुनाई देने लगे. दरअसल, एक शख्स जूही चावला के फिल्मों के गाने गाता रहा. वो शख्स तेज आवाज में ‘बन्नो की आएगी बारात, घूंघट की आड़ में दिलबर का’ जैसे गाना गाए जा रहा था. इस कारण कुछ देर तक सुनवाई बाधित भी रही. पहली बार कोर्ट ने म्यूट करने के लिए कहा लेकिन उसका गाना जारी रहा जिसके बाद कार्यवाही को लॉक कर दिया गया और कोर्ट ने उस अज्ञात शख्स को पहचानने और उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई के आदेश दिए थे.
अभी कोर्ट की कार्यवाही शुरू ही हुई थी कि कोई ये भी पूछता जा रहा था कि जूही मैम कहां हैं, जूही मैम को मैं देख नहीं पा रहा हूं. इस मामले में सवाल ये भी उठे कि जूही चावला ने इंस्टाग्राम के जरिए खुद ही लिंक जारी कर फैंस को सुनवाई के लिए जुड़ने को कहा था. 2 जून को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
जूही चावला की याचिका में क्या था ?
जूही चावला ने दायर याचिका में कहा था कि, “हम टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट के खिलाफ नहीं है. बल्कि, हम टेक्नोलॉजी के लेटेस्ट प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें वायरलेस कम्युनिकेशंस के क्षेत्र भी शामिल हैं. हालांकि, बाद के उपकरणों का उपयोग करते समय, हम निरंतर दुविधा में रहते हैं, क्योंकि वायर-फ्री गैजेट्स और नेटवर्क सेल टावरों से RF रेडिएशन के संबंध में अपनी खुद की रिसर्च और स्टडी करने के बाद, हमारे पास ये मानने का पर्याप्त कारण है कि रेडिएशन लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर हानिकारक है.”
जूही चावला ने कहा था कि अगर टेलीकन्युनिकेशंस इंडस्ट्री 5G लागू करने का प्लान करती है, तो कोई इंसान, कोई जानवर या धरती पर कोई भी पेड़-पौधा RF रेडिएशन से बच नहीं पाएगा, जो कि मौजूदा रेडिएशन से काफी ज्यादा खतरनाक है.
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