स्वतंत्रता आंदोलन पर बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की टिप्पणी ने तब विवाद खड़ा कर दिया जब उन्होंने कहा कि भारत को जो आजादी 1947 में मिली वो “भीख” थी, जबकि भारत को “असली आजादी” 2014 में मिली.
आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रीति मेनन ने मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कर बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ उनकी इन कथित देशद्रोही टिप्पणी के लिए FIR दर्ज करने की मांग की है.
कंगना रनौत ने यह टिप्पणी टाइम्स नाउ समिट 2021 के दौरान की. यहां कंगना ने ये भी कहा कि अब मेरे खिलाफ 10 केस दर्ज होंगे.
कांग्रेस से लेकर बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी की आलोचना
छत्तीसगढ़ सरकार में कैबिनेट मंत्री और अंबिकापुर से विधायक टीएस सिंहदेव ने ट्वीट करते हुए कंगना रनौत पर निशाना साधा और कहा,
“जो अपने पुरखों की मेहनत और संघर्ष का सम्मान करते हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों के त्याग का एहसास है, वो उस आजादी को संजोकर उसका इस्तेमाल बेहतरी के लिए करते हैं. जो माफिनामों के अधिपति सावरकर के चरणों में नतमस्तक हैं, उन्हें हक की आजादी भी भीख लगती है”
कांग्रेस की डिजिटल संचार और सोशल मीडिया के नेशनल कोर्डिनेटर गौरव पंधि ने ट्वीट करते हुए कहा कि,
“RSS इस तथ्य को कभी स्वीकार नहीं कर सका कि 1947 में उनके ब्रिटिश आकाओं को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था. उनकी गुलामी की कोई सीमा नहीं थी. कोई आश्चर्य नहीं कि उन्होंने आधी सदी तक तिरंगा नहीं फहराया. 2014 में गुलामी की वापसी उनकी 'आजादी' थी. कंगना रनौत उनमें से एक हैं.”
बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी कंगना रनौत की इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई और पूछा कि यह पागलपन है या देशद्रोह. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि,
"कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार. इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?”
शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कंगना को 'वॉट्सएप हिस्ट्री फैंस में से एक' करार दिया और कहा, "झांसी की रानी सहित हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सभी खून, पसीना और बलिदान आका को खुश करने के लिए खारिज कर दिया."
इतिहासकार इरफान हबीब ने कंगना रनौत के इस बयान पर ट्वीट करते हुए कहा “बेशर्मी लाजवाब है”
कंगना रनौत की टिप्पणी
समिट के दौरान, कंगना रनौत ने कांग्रेस को 'अंग्रेजों का विस्तार' बताया और कहा, "सावरकर, लक्ष्मीबाई, या नेताजी बोस के पास वापस आते हुए.. ये लोग जानते थे कि खून बहेगा लेकिन यह हिंदुस्तानी खून नहीं होना चाहिए.”
“वे इसे जानते थे. उन्होंने निश्चित रूप से एक कीमत चुकाई. वो आजादी नहीं थी, वो भीख थी और जो आजादी मिली है वो 2014 में मिली है”कंगना रनौत
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