उस्ताद राशिद खान किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. गायकी में दिग्गज मुकाम रखने वाले राशिद खान रामपुर-साहसवान घराना से आते हैं. उस्ताद इनायत हुसैन खान साहब के परपोते राशिद खान ने अपनी गायकी से अलग छाप छोड़ी है.
हालांकि शुरुआत में राशिद खान को संगीत में रुचि नहीं थी, लेकिन आगे चलकर उन्होंने उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान और उस्ताद निसार हुसैन खान से संगीत सीखा.
उस्ताद राशिद खान हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में अपने प्रयोगों के लिए जाने जाते हैं. उनका स्वर-प्रयोग एक प्रकार का ट्रेंड सेटर रहा है.
सुरों के सरताज राशिद खान को उनकी गायकीके लिए पद्मश्री और संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है.
पंडित भीमसेन जोशी ने एक बार राशिद खान की तारीफ करते हुए कहा था वो 'भारतीय संगीत का भविष्य हैं.'
उनके जन्मदिन पर सुनिए फिल्मों में उनके सबसे बहतरीन गाने:
अलबेला सजन (हम दिल दे चुके सनम)
आओगे जब तुम ओ साजना (जब वी मेट)
अल्लाह ही रहम (माई नेम इज खान)
पूरे से जरा (मौसम)
याद पिया की आए
रागा हनसाद्वानी
रागा केदार
राग भैरव
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