किसी भी सामाजिक या राजनीतिक मुद्दे पर बॉलीवुड सितारे अक्सर बोलने से बचते दिखाई देते हैं. इनकी चुप्पी पर फैंस सवाल भी खड़े करते हैं. सीनियर एक्टर नसीरुद्दीन शाह का कहना है कि चुप रहने वाले एक्टर्स के पास खोने को बहुत कुछ होता है, इसलिए वो राजनीतिक मुद्दों पर बोलने से बचते हैं. नसीरुद्दीन शाह ने मुंबई में एक इवेंट में ये बातें कहीं.
‘जितने होने चाहिए, वो नहीं हैं. और जिन लोगों की आवाज सुनी जाएगी, वो कुछ बोलते नहीं हैं. उनके पास बहुत कुछ है, जिसे उन्हें खोने का डर है. लेकिन जो लोग (जो आवाज उठा रहे हैं) हैं, वो लोग बोल रहे हैं. और मेरे खयाल से धीरे-धीरे ये डर, कि मैं बोलूंगा तो जूते पड़ेंगे, ये डर भी खत्म हो जाएगा.’नसीरुद्दीन शाह, एक्टर
नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि एक्टर्स की पॉलिटिकल फिलॉसफी उसकी फिल्मों से पता चलती है.
देशभर में नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन और छात्रों के साथ हुई हिंसा पर भी फिल्म इंडस्ट्री के सितारों से सवाल किया गया था. आयुष्मान खुराना, परिणीति चोपड़ा, राजकुमार राव जैसे सितारों ने अपनी राय रखी, लेकिन अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण, शाहरुख खान, आमिर खान, अनुष्का शर्मा जैसे सितारे अब भी चुप हैं. वहीं, अनुराग कश्यप, स्वरा भास्कर, अनुभव सिन्हा, सयानी गुप्ता ने छात्रों को अपना समर्थन दिया है.
'परफेक्ट एक्टर कुछ नहीं होता'
नसीरुद्दीन शाह ने कहा के एक्टर्स का काम कभी खत्म नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, 'अगर आप किसी चीज में यकीन रखते हैं, आपको इसपर फिल्म बनानी चाहिए. लोगों को अपने आसपास जो हो रहा है, उसपर गौर करना चाहिए. एक्टरों का काम कभी खत्म नहीं होता. परफेक्ट एक्टर कुछ नहीं होता. परफेक्ट परफॉर्मेंस जैसी कोई चीज नहीं होती. और इसलिए जो दिल से, लगन से ये काम करते हैं, उनके लिए ये कभी बोरिंग नहीं होता.'
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