उत्तराखंड के हरिद्वार में पिछले दिनों आयोजित कथित धर्मसंसद (Haridwar Dharm Sansad) में मुस्लिमों के खिलाफ दिए गए भड़काऊ भाषणों पर दिग्गज एक्टर नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) ने कहा कि जो लोग मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं, वो वास्तव में गृहयुद्ध का आह्वान कर रहे हैं. नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि 20 करोड़ की आबादी का इतनी आसानी से सफाया नहीं किया जा सकता और, "हम लड़ेंगे."
द वायर को दिए इंटरव्यू में, नसीरुद्दीन शाह ने कहा, "मुझे हैरानी है, क्या वो जानते हैं कि वो किस बारे में बात कर रहे हैं? 20 करोड़ लोग लड़ेंगे. 20 करोड़ ने इसे अपनी मातृभूमि होने का दावा करते हैं. हम यहीं पैदा हुए हैं और यहीं रहेंगे. हमारे परिवारों की पीढ़ियां यहीं रही हैं और यहीं मरी हैं."
"मुझे यकीन है कि अगर इस तरह का कोई भी आंदोलन शुरू होता है तो उसे भारी प्रतिरोध और गुस्से का सामना करना पड़ेगा."द वायर को दिए इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह
'मोदी के भारत में मुस्लिम होने का मतलब'
जर्नलिस्ट करन थापर के सवाल कि "नरेंद्र मोदी के भारत में मुस्लिम होना कैसा लगता है?" पर नसीरुद्दीन शाह ने जवाब दिया, "मुझे लगता है कि मुसलमानों को असुरक्षित महसूस कराने के लिए संगठित प्रयास किया जा रहा है. मुसलमानों को हाशिए पर रखा जा रहा है."
नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि ये हमें डराने की कोशिश है और हमें डरना नहीं चाहिए.
"मैं असुरक्षित महसूस नहीं करता क्योंकि ये मेरा घर है. मुझे चिंता है कि मेरे बच्चों का क्या होगा?"द वायर को दिए इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह
'PM परवाह नहीं करते'
नफरती भाषणों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी के सवाल पर नसीरुद्दीन शाह ने कहा, "वो परवाह नहीं करते. कम से कम आप उनपर पाखंडी (hypocrite) होने का आरोप तो नहीं लगा सकते." नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि न केवल नरसंहार की धमकी देने वाले लोगों को दंडित करने से बचा जा रहा है, बल्कि प्रधानमंत्री ट्विटर पर उन्हें फॉलो करते हैं.
"हमारे नेता चुप रहते हैं, लेकिन सबकी परवाह करने का दावा करते हैं."द वायर को दिए इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह
नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि मुसलमान दोयम दर्जे के नागरिक बनने की प्रक्रिया में हैं, ये हर क्षेत्र में हो रहा है. उन्होंने कहा कि ये मुसलमानों के बीच एक फोबिया फैलाने की कोशिश है और मुसलमानों को ये नहीं मानना चाहिए कि ये बात हमें डरा रही है.
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