अमर प्रेम, अराधना, कटी पतंग!
राजेश खन्ना की ये तीनों फिल्में हिंदी सिनेमा की यागदगार फिल्मों में गिनी जाती हैं, लेकिन इन फिल्मों की सफलता में सबसे बड़ा हाथ जिसका है, वो हैं डायरेक्टर शक्ति सामंत.
मुंबई में हीरो बनने का सपना लेकर आए शक्ति सामंत को शायद खुद नहीं मालूम होगा कि उन्हें आने वाली पीढ़ियां निर्देशन के लिए जानेंगी. बंगाल में जन्में सामंत की गिनती बॉलीवुड के सबसे हिट निर्देशकों में की जाती है. रुतबा इतना कि उन्हें ऋषिकेश मुखर्जी और बिमल रॉय जैसे निर्देशकों में उन्हें शुमार किया जाता है.
राजेश खन्ना को बनाया स्टार
1954 में शक्ति सामंत ने 'बहू' फिल्म से अपने डायरेक्शन करियर की शुरुआत की, लेकिन असली सफलता मिली 1956 में आई इंस्पेक्टर से. इस फिल्म की सक्सेस के बाद फिर सामंत ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
उन्होंने अपने करियर में कई सितारों के साथ हिट फिल्में दीं, लेकिन उनकी सबसे सफल पार्टनरशिप शम्मी कपूर और राजेश खन्ना के साथ रही. राजेश खन्ना को करियर की पहली हिट फिल्म ‘अराधना’ देने वाले शक्ति सामंत ही थे.
इस ट्रैजिक लव स्टोरी ने जहां राजेश खन्ना को स्टार बना दिया था, वहीं शर्मिला टैगोर और सावंत को इस फिल्म के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया.
‘पुष्पा... आई हेट टीयर्स
‘अराधना’ के बाद वो फिर राजेश खन्ना को बतौर अपना लीड हीरो लेकर लौटे, फिल्म थी 'कटी पतंग'. खूबसूरत गानों से सजी ये फिल्म भी एक लव स्टोरी थी. शक्ति सामंत ने आशा पारेख और राजेश खन्ना के बीच ऐसी केमेस्ट्री बिठाई की फिल्म उनके करियर की सबसे हिट फिल्मों में शुमार हो गई. शक्ति सामंत और राजेश खन्ना की पार्टनरशिप की एक मिसाल 'अमर प्रेम' भी है. 'पुष्पा... आई हेट टीयर्स रे...'
राजेश खन्ना को स्टार की कुर्सी पर बिठाने में शक्ति सामंत कि यही वो तीन फिल्में शामिल हैं.
शक्ति सामंत की दूसरी पार्टनरशिप
हालांकि शक्ति सामंत ने शम्मी कपूर के साथ भी कई हिट फिल्में दी हैं. 'एन इवनिंग इन पेरिस', 'चाइना टाउन' और सबसे यागदार 'कश्मीर की कली'. सामंत की फिल्मों की सबसे खास बात सिर्फ उनकी कहानी नहीं हुआ करते थे, उनकी फिल्मों में म्यूजिक भी उतना ही जरूरी थी. 'ये शाम मस्तानी', 'ये चांद सा रौशन चेहरा', 'आइए महरबान', 'चंदा है तू', 'एक अजनबी हसीना से', 'रूप तेरा मस्ताना' और न जाने कितने गाने हैं, जिन्होंने सामंत की फिल्मों की खूबसूरती बढ़ाई है.
‘हावड़ा ब्रिज’ की शूटिंग को लेकर एक किस्सा मशहूर है कि उन्होंने इस फिल्म के लिए मधुबाला को एक रुपये में साइन किया था. इस फिल्म में वो अशोक कुमार और मधुबाला को लेना चाहते थे, लेकिन इतने पैसे नहीं थे कि बड़े एक्टर्स को लें.
जब उन्होंने इस फिल्म की स्क्रिप्ट अशोक कुमार को सुनाई तो वो फट राजी हो गए और मधुबाला से बात करने की जिम्मेदारी भी खुद ली. मजेदार बात ये रही कि अशोक कुमार ने इस फिल्म के लिए मधुबाला को केवल एक रुपये में मनवा लिया.
इसी फिल्म से उन्होंने बतौर प्रोड्यूसर अपने करियर की शुरुआत की थी और फिर आगे चलकर 'कटी पतंग', 'एन इवनिंग इन पेरिस', 'कश्मीर की कली', 'अराधना', 'चाइना टाउन', 'इंस्पेक्टर', 'अमर प्रेम', 'हावड़ा ब्रिज', 'अनुराग', 'चरित्रहीन' और 'अलग-अलग' शामिल हैं.
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