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तालिबान से RSS की तुलना मामले में जावेद अख्तर को 'कारण बताओ नोटिस'

आरोप है कि, Javed Akhtar ने RSS को बदनाम करने के लिए "सुनियोजित" अपमानजनक टिप्पणी की

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जाने माने गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) को ठाणे की एक अदालत ने मानहानि के मुकदमे पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जावेद अख्तर ने इस महीने की शुरुआत में एक इंटरव्यू के दौरान कथित रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तुलना तालिबान (Taliban) से कर दी थी. जिस पर RSS के एक सदस्य विवेक चंपानेरकर ने मुकदमा दर्ज करा दिया था.

ठाणे में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने अख्तर को कारण बताओ नोटिस पर 12 नवंबर से पहले जवाब देने को कहा है.

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शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि, अख्तर ने अपमानजनक टिप्पणी की और उनकी यह टिप्पणी RSS को बदनाम करने के लिए "सुनियोजित" थी. उन्होंने RSS में शामिल होने वाले लोगों को "हतोत्साहित, अपमानित और गुमराह" किया.

"अख्तर ने RSS के लक्ष्य को तालिबान के समान बताया, जबकि भारत के सर्वोच्च लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित पदाधिकारियों जैसे कि राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कई कैबिनेट मंत्री... RSS के समर्थक और सदस्य रहे हैं."
विवेक चंपानेरकर, शिकायतकर्ता
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शिकायतकर्ता ने नुकसान और मुआवजे के रूप में एक रुपये और आरएसएस के नाम पर इस तरह के बयान नहीं देने के लिए एक स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की है.

जावेद अख्तर ने क्या कहा था?

NDTV से बात करते हुए, जावेद अख्तर ने कहा था कि पूरी दुनिया में दक्षिणपंथी संगठन एक जैसी चीजें चाहते हैं. उन्होंने कहा था,

"जैसे तालिबान एक इस्लामिक राज्य चाहता है, वैसे ही लोग हिंदू राष्ट्र चाहते हैं. ये लोग एक ही प्रकार की मानसिकता के हैं - चाहे वो मुस्लिम, ईसाई, यहूदी या हिंदू हो."
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उन्होंने आगे कहा, "बेशक, तालिबान बर्बर है, और उनकी हरकतें निंदनीय हैं, लेकिन आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल का समर्थन करने वाले सभी एक जैसे हैं."

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