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सोनू सूद के परिसर पर IT का सर्वे, AAP ने पूछा-'प्रवासियों की मदद करना अपराध था?'

उदित राज ने लिखा, "सोनू सूद के यहां आयकर छापा इसलिए पड़ा कि मोदी जाप करने के बजाय गरीबों की सेवा की."

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मुंबई में एक्टर सोनू सूद (Sonu Sood) के परिसर और लखनऊ में उनसे जुड़ी एक कंपनी पर इनकम टैक्स (IT) डिपार्टमेंट ने सर्वे किया. NDTV ने सूत्रों के हवाले से बताया, "सोनू सूद की कंपनी और लखनऊ की एक रियल एस्टेट फर्म के बीच हालिया सौदा जांच के दायरे में है. इस सौदे पर टैक्स चोरी के आरोपों पर सर्वे अभियान शुरू किया गया है."

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सोनू सूद की प्रॉपर्टी पर छापेमारी नेताओं ने आलोचना की है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सोनू सूद के साथ वो सभी लोग खड़े हैं, जिनकी उन्होंने मदद की थी. सीएम केजरीवाल ने लिखा, "सच्चाई के रास्ते पर लाखों मुश्किलें आती हैं, लेकिन जीत हमेशा सच्चाई की ही होती है. सोनू सूद जी के साथ भारत के उन लाखों परिवारों की दुआएं हैं, जिन्हें मुश्किल घड़ी में सोनू जी का साथ मिला था."

AAP नेता आतिशी ने लिखा, "IT विभाग का एक्टर सोनू सूद पर 'सर्वे', बीजेपी का स्पष्ट मैसेज है कि वो देश के लिए अच्छा काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को पीड़ित करेंगे? क्या सोनू सूद के लिए लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों की मदद करना अपराध था? क्या मुश्किलों का सामना कर रहे लोगों की मदद करना उनके लिए अपराध था?"

AAP विधायक राघव चड्ढा ने इसे 'विच हंट' बताते हुए कहा कि सोनू सूद का अपराध बस यही था कि उन्होंने राज्य की तरफ से अनाथ हुए लोगों की मदद के लिए काम किया.

कांग्रेस प्रवक्ता उदित राज ने लिखा, "अभिनेता सोनू सूद के यहां आयकर छापा इसलिए पड़ा कि मोदी जाप करने के बजाय गरीबों की सेवा की."

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की छापेमारी की आलोचना की.

दिल्ली सरकार के कार्यक्रम के ब्रांड एंबैस्डर

अगस्त में, सोनू सूद को 'देश के मेंटर' का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया था, जो वंचित स्कूली बच्चों के लिए दिल्ली सरकार का मेंटरशिप प्रोग्राम है. नियुक्ति की घोषणा सोनू सूद और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुलाकात के बाद हुई थी.

प्रवासी मजदूर संकट में किया काम

कई सालों से फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा रहे सोनू सूद की कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान प्रवासी मजदूरों की मदद करने को लेकर तारीफ हुई थी. देशभर में लॉकडाउन लगने के कारण हजारों संख्या में मजदूर पैदल ही अपने-अपने घरों के लिए निकल पड़े थे. इस दौरान सोनू सूद ने सैकड़ों मजदूरों की मदद की थी और उन्हें घर पहुंचाया था.

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