रक्षा बंधन के दिन हर बहन को इंतजार होता है कि उसका भाई आए और वो अपने भाई की कलाई में राखी बांधे. लेकिन एक ऐसी भी बहन है जिसका भाई अब किसी भी रक्षाबंधन में उसके पास राखी बंधवाने नहीं आएगा. बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की बहन का ये दर्द उनकी एक कविता में बयां हुआ. राखी के त्योहार पर उनकी बहन रानी ने अपने भाई को याद करते हुए लिखा कि, अब वो चेहरा नहीं है जिसकी आरती उतार सकूं...
सुशांत सिंह राजपूत की मौत 14 जून को उनके फ्लैट में हुई थी. उन्हें फंदे पर लटका हुआ पाया गया था. इस मामले में फिलहाल जांच जारी है. लेकिन सुशांत की मौत के बाद सबसे ज्यादा उनकी बहन सदमे में है. क्योंकि वो सुशांत से काफी ज्यादा क्लोज थीं. इसीलिए अब राखी के त्योहार पर उन्होंने अपने भाई को याद करते हुए लिखा,
“गुलशन मेरा बच्चा, आज मेरा दिन है, आज तुम्हारा दिन है. आज हमारा दिन है, आज राखी है. 35 साल बाद आज पहला अवसर है जब पूजा की थाली सजी है. आरती का दीया भी जल रहा है. हल्दी-चंदन का टीका भी है. मिठाई भी है. बस वो चेहरा नहीं है जिसकी आरती उतार सकूं. वो ललाट नहीं है जिस पर टीका सजा सकूं, वो कलाई नहीं है जिस पर राखी बांध सकूं. वो मुंह नहीं है जिसे मीठा कर सकूं. वो माथा नहीं है जिसे चूम सकूं. वो भाई नहीं है जिसे गले लगा सकूं.”
सुशांत की बहन ने आगे लिखा, वर्षों पहले जब तुम आए थे तो जीवन जगमग हो उठा था. जब थे तो उजाला ही उजाला था. अब जब तुम नहीं हो तो मुझे समझ नहीं आता कि क्या करूं? तुम्हारे बगैर मुझे जीना नहीं आता. कभी सोचा नहीं कि ऐसा भी होगा. ये दिन होगा पर तुम नहीं होगे. ढेर सारी चीजें हमने साथ-साथ सीखी. तु्म्हारे बिना रहना मैं अकेले कैसे सीखूं. तुम्हीं कहो... हमेशा तुम्हारी, रानी दी...
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