सैफ अली खान और करीना कपूर के लाडले तैमूर 20 दिसंबर को 2 साल के हो गए हैं. छोटे नवाब के पिता के पास पटौदी खानदान की भोपाल में अरबों की प्रॉपर्टी है. इस लिहाज से तैमूर भी इस प्रॉपर्टी के वारिस हुए. लेकिन अफसोस, तैमूर इस पर अपना हक नहीं जमा पाएंगे.
दरअसल, बात ये है कि उनकी सारी चल और अचल संपत्ति एनिमी प्रॉपर्टी एक्ट के तहत विवादों में फंसी हुई है. इस वजह से इस बात पर संदेह है कि ये करोड़ों की प्रॉपर्टी तैमूर को नसीब होगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैफ के परदादा की भोपाल के अलावा हरियाणा और देश के दूसरे हिस्सों में भी कई करोड़ों की प्रॉपर्टी है. सैफ की पहली बीवी से दो बच्चे हैं और दूसरी बीवी करीना से एक बेटा है. इस तरह अगर विवाद निपट भी जाता है, तो तैमूर इस प्रॉपर्टी के तीसरे दावेदार होंगे.
कहां ये आई इतनी प्रॉपर्टी?
सैफ अली खान पूर्व क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी और पुराने जमाने की मशहूर एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर के बेटे हैं. मंसूर खान की मां साजिदा सुल्तान भोपाल के आखिरी नवाब हमीदुल्ला खान की बेटी थीं.
नवाब हमीदुल्ला की तीन बेटियां थी- आबिदा, साजिदा सुल्तान और राबिया. बड़ी बेटी आबिदा बंटवारे के बाद पाकिस्तान चली गई और सबसे छोटी बेटी राबिया शादी के बाद ससुराल चली गई. इस तरह सारी प्रॉपर्टी सैफ की दादी और हमीदुल्ला की मंझली बेटी साजिदा सुल्तान के पास आ गई.
साजिदा नकी शादी पटौदी के नवाब इफ्तिखार अली से हुई. इनकी दोनों बेटियां शादी करके ससुराल चली गई. एक बेटे का नाम मंसूर अली खां पटौदी था. साजिदा के देहांत के बाद भोपाल रियासत की पूरी कमान मंसूर अली को मिल गई. इस तरह भोपाल में पांच हजार करोड़ की शाही रियासत पर सैफ अली खान उत्तराधिकारी हैं.
तैमूर क्यों नहीं है वारिस?
नवाब हमीदुल्ला खान की पूरी प्रॉपर्टी एनिमी प्रॉपर्टी एक्ट के अंतर्गत आती है. ये एक्ट 1968 में बना था. इस एक्ट के मुताबिक, प्रॉपर्टी पर उत्तराधिकारी का दावा पेश करने वाले व्यक्ति को पहले हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा करना होता होगा. मतलब तैमूर सीधे इस प्रॉपर्टी के उत्तराधिकारी नहीं हो सकते. उन्हें पहले हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जाना होगा.
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