‘हीरो नंबर 1’ से लेकर फिल्म जुबैदा तक करिश्मा कपूर ने अपने अलग-अलग किरदारों के जरिए ये साबित किया है. कि वो एक बेहतरीन अदाकारा हैं. फिल्म ‘राजाबाबू’ के नटखट अंदाज से लेकर ‘फिजा’ के संजिदा किरदार तक उन्होंने हर एक रोल को पर्दे पर बखूबी पेश किया है.
फिल्मी करियर की शुरुआत उन्होंने 16 साल की उम्र में ‘प्रेम कैदी’ से की थी. जैसे-जैसे वक्त गुजरता गया करिश्मा कामयाबी का शिखर छूती गईं. चलिए नजर डालते हैं उनके कुछ पुराने इंटरव्यूज पर जिसमें उनके शुरुआती दौर से बॉलीवुड डिवा बनने तक का सफर शामिल है.
करिश्मा का पहला इंटरव्यू
बॉलीवुड में एंट्री करने के लिए करिश्मा कपूर ने 16 साल की उम्र में अपने कॉलेज से ड्रॉप ऑउट लिया था. और उन्होंने 1991 में फिल्म ‘प्रेम कैदी’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी.
नंबर के पीछे नहीं भागती करिश्मा
करिश्मा का कहना है कि वो नंबरों के पीछे नहीं भागती. 1997 में करिश्मा को एक के बाद एक 3 सुपर डुपर हिट फिल्में मिली. डेविड धवन की जुड़वा (1997), हीरो नंबर 1 (997) और यश चोपड़ा की दिल तो पागल है (1997). इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया. करोड़ों दिलों को धड़काने वाली फिल्म दिल तो पागल है को नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया.
‘दिल तो पागल है’..नेशनल अवॉर्ड
साल 1999 में करिश्मा कपूर ने करण थापर के शो में अपनी फिल्म ‘दिल तो पागल है’ की कामयाबी के बारे में खुलकर बात की करिश्मा की इस फिल्म ने नेशनल अवॉर्ड अपने नाम किया था और यही वो फिल्म थी जिससे करिश्मा के करियर को नया मोड़ मिला था. इस फिल्म के बाद करिशमा ने जुबैदा और फिजा जैसी बेहतरीन फिल्में की.
मुझे आराम की जरुरत है
करिश्मा कहती हैं कि ये मुश्किल काम है, चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन ये सबसे ज्यादा सुकून वाला काम हैं. 2003 में शादी होने के बाद करिश्मा ने फिल्मों से ब्रेक ले लिया था. 2012 में करिश्मा ने करीब 9 साल बाद विक्रम भट्ट की फिल्म ‘डेंजरस इश्क’ फिल्मों में वापसी की. उन्होंने इंटरव्यू में ये भी बताया कि वो माधुरी और श्रीदेवी से कितना इंस्पायर हुईं है.
करिश्मा मंत्र
इस लेटेस्ट इंटरव्यू में करिश्मा कपूर अपनी बहन करीना कपूर के साथ उन बातों पर चर्चा करती हुईं नजर आ रहीं हैं जिसमें कपूर खानदान की लड़कियों ने पुरानी विचारधारा तोड़ कर सफल बॉलीवुड डीवा तक का सफर पूरा किया है.
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