ब्लॉकबस्टर हिट फिल्म 'दंगल' से अपने करियर की शुरुआत करने वालीं जायरा वसीम ने बॉलीवुड छोड़ने के फैसले से सभी को चौंका दिया है. जायरा ने रविवार, 30 जून को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर एक लंबा-चौड़ा बयान जारी कर कहा कि उनकी फील्ड उनके ईमान और धर्म में आड़े आ रही थी. जायरा वसीम के इस फैसले के बाद जैसे सोशल मीडिया पर दंगल छिड़ गया है. उमर अब्दुल्ला समेत कुछ नेताओं ने जहां उनके इस फैसले का बचाव किया, तो वहीं लेखक तसलीमा नसरीन उनके फैसले से खुश नहीं हैं और उन्होंने इस फैसले को मूर्खतापूर्ण बताया है.
लेखक तसलीमा नसरीन ने जायरा के फैसले की आलोचना करते हुए लिखा कि ये एक मूर्खता भरा फैसला है. नसरीन ने ट्वीट में लिखा, 'बॉलीवुड की टैलेंटेड एक्ट्रेस जायरा वसीम अब एक्टिंग छोड़ना चाहती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके एक्टिंग करियर ने अल्लाह में उनके विश्वास को खत्म कर दिया. क्या मूर्खता भरा फैसला है! मुस्लिम समुदाय में कितनी टैलेंटेड लड़कियां बुर्के के अंधकार में छिपने को मजबूर हैं.'
इसलिए जायरा ने एक्टिंग को कहा अलविदा
‘5 सालों में मुझे बेशुमार सफलता मिली है, मुझे एक रोल मॉडल की तरह देखा जाने लगा है, लेकिन वो ये नहीं था जो मैं चाहती थी. फिल्म इंड्स्ट्री में पांच साल होने के बाद मैं ये कबूल करना चाहती हूं कि मैं अपनी इस पहचान से खुश नहीं हूं. यह मुझे मेरे ईमान से दूर कर रहा है. मेरे मजहब के साथ मेरे रिश्तों को खतरा पहुंचा रहा है.’जायरा वसीम
नेताओं ने किया जायरा वसीम का बचाव
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जायरा वसीम का बचाव करते हुए लिखा, 'हम जायरा वसीम के फैसले पर सवाल उठाने वाले कौन होते हैं? वो उसकी जिंदगी है. मैं बस उसे दुआ दूंगा और उम्मीद करता हूं कि वो जो करें उसमें उन्हें खुशी मिले.'
वहीं पूर्व आईएएस शाह फैसल ने जायरा के बॉलीवुड छोड़ने के फैसले पर लिखा, 'जायरा वसीम के एक्टर बनने के फैसले का मैंने हमेशा सम्मान किया है. किसी दूसरे कश्मीरी ने इतनी कम उम्र में इतना बड़ा स्टेटस, सफलता और शोहरत हासिल नहीं किया है. और आज जब वो इंडस्ट्री छोड़ रही हैं, तो मैं उनके फैसले का सम्मान करता हूं.'
कांग्रेस नेता सलमान निजामी ने भी जायरा के फैसले का समर्थन करते हुए लिखा कि वो सबसे बहादुर और सच्ची हैं. ‘जो उन्हें ट्रोल कर रहे हैं वो कश्मीरी युवाओं का अपमान कर रहे हैं. जायरा ने कम उम्र में काफी कुछ हासिल किया है.’
पूर्व कांग्रेस नेता शहजाद पूनावाला ने उमर अब्दुल्ला के फैसले पर सवाल उठाते हुए लिखा, 'आपका किया गया काम धर्म के साथ आपके रिश्ते में खतरा नहीं बन सकता! मैं इसे नहीं मानता! मैं असहमत हूं लेकिन जायरा वसीम के फैसले का सम्मान करता हूं... लेकिन हमें अधिक लड़कियों को काम करने लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है, न कि छोड़ने के लिए मिस्टर उमर अब्दुल्ला.'
उठा सवाल, धर्म कारण या नहीं?
जायरा के बॉलीवुड छोड़ने के फैसले के कुछ देर बाद ही सोशल मीडिया पर बातें होने लगीं कि उन्होंने कट्टरपंथियों के दबाव में एक्टिंग को अलविदा कहा है.
जर्नलिस्ट आर्फा खानुम शेरवानी ने जायरा का बचाव करते हुए लिखा, 'फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने के जायरा वसीम के फैसले का उसी तरह सम्मान करना चाहिए जैसे नुसरत जहां के सिंदूर-बिंदी का. इससे नुसरत गलत नहीं हुई और न ही जायरा. चुनने की स्वतंत्रता सबसे ऊपर है.'
राइटर जैनब सिकंदर ने लिखा, 'तो नुसरत जहां सिंदूर पहने तो वो उनका फैसला. जायरा वसीम फिल्में छोड़ दें तो ये उनका फैसला नहीं है? ओह नहीं, ये फिर से इस्लाम है? पाखंडी!'
जर्नलिस्ट अखिलेश शर्मा ने लिखा कि जायरा का फिल्मों में काम न करना उनका निजी फैसला है, लेकिन धर्म की दुहाई देकर काम छोड़ना अजीब बात है.
जायरा वसीम ने अब तक दो फिल्मों में काम किया है और उनकी तीसरी फिल्म ‘द स्काई इज पिंक’ इस साल रिलीज हो सकती है. जायरा ने अपने करियर की शुरुआत साल 2016 में आई ‘दंगल’ से की थी, जिसके लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड भी मिला था. उनकी दूसरी फिल्म ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ 2017 में रिलीज हुई थी.
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