ADVERTISEMENTREMOVE AD

सिनेमाहॉल खुले, लेकिन क्या दर्शक फिल्म देखने आ रहे हैं?

ऑडियंस को सिनेमाहाल में वापस लाने के लिए थिएट्रिकल रिलीज की जरूरत थी लेकिन असल ग्राउंड रिएलिटी इससे काफी अलग है.

Published
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा

देश भर में लगभग हर जगह सिनेमहॉल दोबारा खुल गए हैं, हमने इस हफ्ते रिलीज हुई नई फिल्म भी देखी- "सूरज पे मंगल भारी" तो क्या वाकई अब सब कुछ नॉर्मल हो गया है ? क्या अब लोग फिल्म देखने के लिए सिनेमाघरों में जाने लगे हैं? क्या ये दूसरे प्रोड्यूसर्स के लिए ग्रीन सिग्नल है कि वो अपनी फिल्म थिएटर्स में रिलीज कर सके?

दरअसल, अभी हां कह पाना थोड़ा मुश्किल होगा.

रिपोर्ट्स के मुताबिक मल्टीप्लेक्स में "सूरज पे मंगल भारी" देखने के लिए 20-25% लोग ही पहुंचे. जबकि थियेटर्स में अधिकतम 50% लोगों को जाने की परमिशन है लेकिन बावजूद इसके काफी कम लोग ही फिल्म देखने पहुंचे. सिंगल स्क्रीन में शायद ही कोई ऑडियंस मौजूद थी.

हालांकि ये सच है कि ऑडियंस को सिनेमा हाल में वापस लाने की के लिए एक थिएट्रिकल रिलीज की जरूरत थी - लेकिन असल में ग्राउंड रिएलिटी इससे काफी अलग है.

मुंबई के पॉपुलर Gaiety Galaxy और Maratha Mandir सिनेमा के मालिक मनोज देसाई ने क्विंट को बताया कि सोमवार को ‘सूरज पे मंगल भारी’ के नाइट शो और मंगलवार के मैटिनी शो को कैंसिल करना पड़ा क्योंकि ऑडिएंस मौजूद ही नहीं थी.

“लाखों का नुकसान हो रहा है. उसके बाद से डिस्ट्रीब्यूटर 50% कट ले जा रहा है. जो बचा उसमें थियेटर कैसे चलाऊं ?”
मनोज देसाई, Gaiety Galaxy और Maratha Mandir- मालिक, मुम्बई

इन सब मुश्किलों में सिंगल स्क्रीन थिएटर्स अपना काम कैसे चला रहे हैं ?

ट्रेड एनालिस्ट कोमल नाहटा की एक रिपोर्ट के मुताबिक- दिवाली पर Disney+ Hotstarऑनलाइन OTT पर रिलीज हुई अक्षय कुमार की फिल्म "लक्ष्मी" कई सिंगल थिएटर्स में दिखाई जा रही है. यहां तक कि कई सिनेमाघरों में ऑडियंस को लाने और खुद को बिजनेस में रखने के लिए फिल्म के Pirated version भी दिखाए जा रहे हैं.

ऐसे समय में जब मल्टीप्लेक्सेस ने OTT पर रिलीज़ होने वाली फिल्म को दिखाने से मना कर दिया है, ऐसे में ऑडिएंस की कमी के कारण सिंगल स्क्रीन पर गाज गिरी है - क्या आम ऑडियंस के लिए प्रोड्यूसर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स और एग्जीबिटर्स को अपने मतभेद भूलाकर फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक साथ आगे नहीं आना चाहिए?

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×