इरफान खान की काबिलियत, उनके अभियनय के बारे में कुछ खास कहने की जरूरत नहीं है. लेकिन जिस तरह से सिर्फ 10 सालों से उनके अभिनय की चर्चा हो रही वो जरूर हैरान करता है. क्योंकि सच पूछा जाए तो इंडस्ट्री में तो इरफान दो दशक से ज्यादा बिता चुके हैं. लेकिन, किरदारों में वैरायटी और अभिनय के नए पेचोखम अपनाते वो अब दिख रहे हैं. इरफान के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ले चलते हैं इरफान के अभिनय से सजी उन चुनिंदा शॉर्ट फिल्मों और सीरयल की तरफ जो आज के इरफान से अलग जरूर लग सकती हैं लेकिन उनके उतने ही मुकम्मल अभिनय से सजी हैं.
बायपास
बरसों पहले आई इस शॉर्ट फिल्म में आपको दो हीरे दिखाई देते हैं. पहले हैं इरफान और दूजे हैं नवाजुद्दीन सिद्दीकी. दोनों ही लाजवाब. दोनों ने बाद में लंचबॉक्स जैसी कई अवॉर्ड जीतने वाली फिल्म भी साथ में की. इन दोनों अभिनेताओं को एक साथ एक्टिंग करते देखना, अभिनय की पाठशाला में दाखिल होने जैसा है.
किरदार- खुदा हाफिज
90 के दशक में गुलजार साहब, दूरदर्शन के लिए एक सीरियल बना रहे थे-किरदार. इसी सीरियल के एक एपिसोड में ओम पुरी और इरफान एक साथ दिखते हैं. दंगों की आग में झुलसते शहर में जब दो किरदार एक कूड़ेदान के भीतर एक-दूसरे को जानने की कोशिश करते हैं तो देखने वालों की नजरें स्क्रीन से हट नहीं पातीं. संवादों की अदायगी हो या चेहरे के भाव, इरफान कभी भी दिग्गज ओमपुरी से कमतर नहीं पड़ते.
एक शाम की मुलाकात
कई साल पहले स्टार प्लस पर एक सीरियल आता था- एक शाम की मुलाकात. जिसमें इरफान खान भी अहम भूमिका में थे. ये सीरियल, गुजराती लेखक चंद्रकांत देसाई की कहानी- एक सांझ नी मुलाकात पर आधारित था. इसे तिग्मांशु धूलिया ने डायरेक्ट किया था. वही तिग्मांशु जिन्होंने बाद में इरफान को लेकर हासिल जैसी फिल्म बनाई.
इरफान खान आज इंटेस रोल से लेकर कॉमेडी सब कर रहे हैं. और हालिया फिल्मों में तो उनकी कॉमिक टाइमिंग, लंबे वक्त से कॉमेडी करते आ रहे एक्टर्स से भी बेहतर रही है. लेकिन इस मंजिल तक पहुंचने से पहले इरफान ने अपने अभिनय को शॉर्ट फिल्मों और टीवी के जरिए ही मांझने का काम किया. इरफान को जन्मदिन की शुभकामनाएं!
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