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मधुबाला के लिए अब भी धड़कता है नौजवानों का दिल, आखिर क्यों?

अब भी कम नहीं हुआ मधुबाला का जादू, आज भी लोग उनको करते हैं याद.

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(ये आर्टिकल पहली बार 14 फरवरी 2020 को पब्लिश की गई थी. आज फिल्म अभिनेत्री मधुबाला का जन्मदिन है. उनके जन्मदिन पर हम ये आर्टिकल फिर से पब्लिश कर रहे हैं.)

मधुबाला (Madhubala) का नाम हिंदी सिनेमा की उन अभिनेत्रियों में शामिल है, जो पूरी तरह सिनेमा के रंग में रंग गईं और अपना पूरा जीवन इसी के नाम कर दिया. उन्हें अभिनय के साथ-साथ उनकी अद्भुत सुंदरता के लिए भी जाना जाता है. उन्हें 'वीनस ऑफ इंडियन सिनेमा' और 'द ब्यूटी ऑफ ट्रेजेडी' जैसे नाम भी दिए गए. मधुबाला का जन्म 14 फरवरी, 1933 को दिल्ली में हुआ था और 23 फरवरी 1969 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया.

उनके व्यक्तित्व के सार्वकालिक रहस्य की तुलना केवल मर्लिन मुनरो से की जा सकती है. हालांकि दिल की बीमारी के बाद 36 साल की उम्र में उनके निधन हो गया, लेकिन पोस्टर क्वीन के रूप में बॉलीवुड पर मधुबाला का राज अब भी कायम है.

अपनी तरह की इकलौती, बीते जमाने की इस हीरोइन का आकर्षण, जिसे अभी भी भारतीय सिनेमा की वीनस डी मिलो कहा जाता है, ऐसा है जो नौजवानों की नई पीढ़ी को भी उनका फैन बना रहा है.

1970 के दशक से लेकर एक नई सदी के आगमन तक किसी एक हीरोइन, चाहे वो हेमा मालिनी हों, श्रीदेवी या माधुरी दीक्षित, को नंबर एक का एकछत्र दर्जा नहीं मिलने की वजह से मधुबाला की जगह कोई नहीं ले सका है.
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इस बात में कोई शक नहीं कि आज बॉलीवुड में दीपिका पादुकोण, प्रियंका चोपड़ा और आलिया भट्ट की मांग सबसे ज्यादा है. लेकिन इसके साथ ही, 18 से लेकर 30 साल की उम्र वाले नौजवानों की बड़ी तादाद है जो मूवी वेबसाइटों पर मधुबाला की श्वेत-श्याम फिल्में देखते हैं, और इंटरनेट पर उनसे जुड़ी यादगार चीजों की तलाश करते रहते हैं.

नोएडा में रहने वाले रिसर्च एनालिस्ट और पूर्व एयरलाइन कर्मचारी रोहित शर्मा कहते हैं,

“इंटरनेट पर काफी ढूंढ़ने के बाद मुझे उनके कुछ ‘स्वाभाविक’ फोटोग्राफ मिले. मुझे अनुमानों और अफवाहों पर आधारित जीवनियों और टीवी डॉक्यूमेंट्रीज से संतुष्टि नहीं थी. उनके जीवनकाल के दौरान पत्रिकाओं और अखबारों में उनके बयानों, और उनके साथियों और परिवार के साथ बातचीत के बाद, मैंने अपने लिए मधुबाला की अपनी कहानी गढ़ी है.”  
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लंदन में रहने वाली फोटोग्राफर और एडिटर पूजा राय अपने टंबलर पेज पर मधुबाला की जीआईएफ,दुर्लभ तस्वीरें, उनकी फिल्मों की समीक्षा, पॉप-आर्ट और क्लिप्स शेयर करती हैं. राय जज्बाती होकर कहती हैं,

“उन्होंने बॉलीवुड के मौजूदा स्टारों से कहीं अधिक प्रभाव दुनिया पर छोड़ा है, और वो अभी भी मोनालिसा की तरह रहस्यमयी हैं, जो आंसुओं के बीच से मुस्कुराती रहती है...उनकी कहानी मुझे आगे बढ़ने और कभी हार ना मानने के लिए प्रेरित करती है”.  

किशोर कुमार, जिनके साथ शादी के बाद मधुबाला नौ सालों तक रही थीं, पर एक संभावित बायोपिक की खबरों पर राय की तीखी प्रतिक्रिया थी, “मैं बायोपिक में किसी कंगना रनौत या कटरीना कैफ को मधुबाला के रूप में नहीं देख सकती. ये तो बिलकुल वैसा ही है कि जस्टिन बीबर टाइटेनिक में जैक की भूमिका करे. बिलकुल नहीं!”

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नौजवानों पर मधुबाला के जादू की छाया सोशल मीडिया, नेटवर्किंग साइटों और दूसरी जगहों पर देखी जा सकती है:

फेसबुक:

25 फैन पेज और ग्रुप सिर्फ मधुबाला को समर्पित हैं, जिनके 1 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं.

इंस्टाग्राम:

एक दर्जन एक्सक्लूसिव मधुबाला अकाउंट उनकी तस्वीरें नियमित तौर पर शेयर करते हैं.

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टंबलर:

यहां सर्च बार में मधुबाला सर्च कीजिए और उनकी फोटोग्राफ और फैन-पेंटिंग्स को समर्पित ढेरों ब्लॉग खुल जाएंगे.

यूट्यूब:

उनका प्रेम गीत ‘प्यार किया तो डरना क्या...’ और लुभावने अंदाज से भरपूर ‘आइए मेहरबान...’अब तक 5 करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका है. यूट्यूब चैनल एमएसमोजो (9.6 लाखसे ज्यादा सब्सक्राइबर्स के साथ) ने टॉप 10 बॉलीवुड अभिनेत्रियों की अपनी पसंद में मधुबाला को नंबर 2 पर रखा है, पहले नंबर पर माधुरी दीक्षित हैं.

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रेट्रो-बॉलीवुड पेज:

मधुबाला की तस्वीरें फिल्म हिस्ट्री पिक्स (ट्विटर), ओल्ड बॉलीवुड (इंस्टाग्राम), रेट्रो बॉलीवुड (इंस्टाग्राम), सिनेप्लॉट (फेसबुक) और पिंटरेस्ट के पेजों पर सबसे ज्यादा ‘लाइक्स’ और ‘कमेंट्स’हासिल करती हैं.

मर्चेंडाइज:

कुशन, तकिये, कपड़े, मग और पोस्टर जिन पर उनका चेहरा छपा हो, ना सिर्फ उनके प्रशंसकों बल्कि उन लोगों के बीच भी पॉपुलर है जो पुरानी फिल्मों से परिचित नहीं हैं.

ईबे:

उनके फोटोग्राफ की मांग भारतीय वेबसाइट के अलावा ईबे के कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन की वेबसाइटों पर भी है. पुरानी पत्रिकाओं में छपी उनकी तस्वीरों वाले पन्ने 30 से 100 डॉलर के बीच बिकते हैं.

पोस्टर:

मुगल-ए-आजम, हावड़ा ब्रिज और यहां तक कि शिरीन फरहाद जैसी कम चर्चित फिल्मों के पोस्टर 50 से 150 डॉलर के बीच बिक रहे हैं. कवर पर मधुबाला की तस्वीर के साथ किसी पुरानी पत्रिका की कीमत 5,000 रुपए से कम नहीं होती.

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फ्लैश ऑक्शन:

मधुबाला की फिल्मों के प्रेस बुकलेट, गीतों की किताबें और लॉबी कार्ड की भी नीलामी होती है.

गेटी इमेज:

मधुबाला के फोटोग्राफ (जिनमें 50 के दशक में लाइफ मैगजीन का फोटो-शूट भी शामिल है) 23,000 रुपए में बेचे जा रहे हैं—उसी रकम में जितने में दीपिका पादुकोन और करीना कपूर की तस्वीरें बिकती हैं.

स्ट्रीमिंग चैनल:

मिस्टर एंड मिस्टर 55, हाफ टिकट, हावड़ा ब्रिज और मुगल-ए-आजम इस वक्त नेटफ्लिक्स और अमेजॉन पर दिखाई जा रही हैं.

सोशल मीडिया पर सेलेब्रिटीज:

सोनम कपूर एक फोटो शूट के लिए मुगल-ए-आजम के ‘मोहे पनघट पे’गीत में अनारकली की तरह तैयार हुईं. ऋषि कपूर ने एक हफ्ते तक सिर्फ उनके बारे में ट्वीट किया.

अंतरराष्ट्रीय पहचान:

मधुबाला के बारे में अमेरिका की थिएटर आर्ट्स मैगजीन ने लिखा था, टाइम ने भी उनके बारे में लेख छापा था. उनकी खूबसूरती पर मोहित होकर, मशहूर यूनानी गायक स्टीलियोज कजांत्जिदिस ने 60 के दशक में उन पर एक गीत, मैंडूबाला, लिखा था जो आज भी काफी लोकप्रिय है.

रोहित शर्मा से मधुबाला के साथ नौजवानों के जुड़ाव के बारे में पूछिए और वो कहते हैं,

“आज, नौजवान उन आशंकाओं के साथ अपने को जुड़ा महसूस करते हैं जिनसे मधुबाला अपने समय में जूझती थीं, जैसे मुंहासे और बालों की समस्या. वहीं दूसरे लोग उन्हें एक ऐसे दौर की पोस्टर गर्ल के रूप में देखते हैं जिसमें सुडौल शरीरों को लुभावना माना जाता था. कुछ लोग बस उन्हें एक उत्कृष्ट अभिनेत्री की तरह याद करते हैं—जिसकी तुलना आज के बॉलीवुड की हीरोइनों से नहीं हो सकती”.
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शर्मा बिना रुके बोलते हैं. “एक तरफ जहां उनकी तस्वीरें सबसे ज्यादा लोगों को खींचती हैं, मुगल-ए-आजम में अपने प्यार को खोकर भी निडर रहने वाली अनारकली के उनके चित्रण से नौजवान खुद को जोड़कर देखते हैं. नई पीढ़ी भले ही श्वेत-श्याम फिल्में ना देखे, उनकी मौत के दशकों बाद भी एक आइकॉन के रूप में उनका दर्जा बढ़ता जा रहा है. संयोग से उनके जन्मदिन 14 फरवरी को वेलेंटाइन्स डे होता है, जो उनका महत्व और बढ़ा देता है”.

इस बीच, मधुबाला की कुछ गुम फिल्मों की तलाश जारी है जो ना तो डीवीडी पर और ना ही मूवी चैनलों के पास हैं. उनमें से कुछ हैं:

  • फुलवारी (1946) मोतीलाल के साथ
  • चितौड़ विजय (1947) राज कपूर के साथ
  • लाल दुपट्टा (1948) सप्रू और उल्हास के साथ
  • अमर प्रेम (1948) राज कपूर के साथ
  • देश सेवा (1948) सुरैया के साथ
  • निशाना (1950) अशोक कुमार के साथ
  • ढाके की मलमल (1956) किशोर कुमार के साथ

सच पूछिए तो मधुबाला पर मुगल-ए-आजम में शकील बदायूनी का ये गीत बिलकुल मुफीद बैठता है,

मोहब्बत हमने माना जिंदगी बर्बाद करती है/ ये क्या कम है कि मर जाने पे दुनिया याद करती है.  

(लेखक फिल्म समीक्षक, फिल्ममेकर, थिएटर डायरेक्टर और वीकेंड पेंटर हैं)

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