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‘मंटो’ का ट्रेलर, अपनी कहानियों के लिए जंग लड़ते लेखक की कहानी

मंटो 21 सितंबर को र‍िलीज होगी.

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‘सवाल ये है कि जो चीज जैसी है उसे वैसी ही पेश क्यों ना किया जाए, मैं तो अपनी कहानियों को एक आइना समझता हूं, जिसमें समाज खुद को देख सके. अगर आप मेरे अफसानों को बर्दाश्त नहीं कर सकते तो इसका मतलब है कि जमाना ही नाकाबिले बर्दाश्त है.

फिल्म 'मंटो' का ट्रेलर नवाजुद्दीन सिद्दिकी के इसी डायलॉग से शुरू होता है. मशहूर लेखक सआदत हसन मंटो का किरदार निभा रहे नवाजुद्दीन इस ढाई मिनट के ट्रेलर में कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने नजर आ रहे हैं, जो अपनी लेखनी की वजह से विवादों में घिर गया है.

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मंटो का ट्रेलर 15 अगस्त की आधी रात को रिलीज किया गया है, कुछ ही घंटों में इस ट्रेलर को लाखों लोगों ने देख लिया है. मंटो के किरदार में नवाज बेहतरीन नजर आ रहे हैं. उनकी डायलॉग डिलीवरी से लेकर उनकी चाल ढाल तक सबकुछ परफेक्ट है. नवाजुद्दीन सिद्दी के अलावा इस फ‍िल्‍म में उनकी पत्‍नी के रोल में अभिनेत्री रसिका दुग्गल नजर आएंगी. डायरेक्‍टर नंदिता दास की इस फ‍िल्‍म में परेश रावल, ऋषि कपूर और ताहिर राज भसीन भी अहम भूमिका में हैं. ये फिल्म 21 सितंबर को र‍िलीज होगी.

कौन थे मंटो?

मंटो का जन्म 11 मई, 1912 को हुआ था, मंटो ने अपनी कहानियों के जरिए बताया कि जो दुनिया हमने बनाई है वह कितनी क्रूर और वीभत्स है. जिसे हम समाज कहते हैं, वह कितना असभ्य, भद्दा और बीमार है. मंटो ने सच लिखा और सच बर्दाश्त करने का हौसला सबमें नहीं होता इसलिए मंटो पर कई मुदकमे चले.

'धुआं', 'बू', 'काली शलवार', 'खोल दो' और 'ठंडा गोश्त' पर दफा 292 के तहत अश्लीलता फैलाने का और युवाओं को खराब करने के आरोप में बारी-बारी मुकदमे चलाए गए. 1948 में वो पाकिस्तान चले गए थे. 'खोल दो' और 'ठंडा गोश्त' पर चला लंबा मुकदमा उन्होंने वहीं झेला.

मंटो 21 सितंबर को र‍िलीज होगी.

मंटो ने एक जगह कहा था कि उनकी जिंदगी में तीन हादसे हुए थे. पहला तब जब 11 मई 1912 को उनका जन्म हुआ. दूसरा शादी और तीसरा हादसा उनका कहानीकार बनना था. ये हादसा उनकी मौत के साथ 18 जनवरी, 1955 को थम गया.

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