ADVERTISEMENTREMOVE AD

‘सुई धागा’ रिव्यू: फिल्म की सादगी ही इसकी रौनक है

रोजमर्रा की परेशानियां और पैसे कमाने की जद्दोजहद बयां करती है ‘सुई धागा’  

Updated
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

ममता और मौजी ने मीम्स की दुनिया में तहलका मचा दिया. साथ ही साथ वो डायरेक्टर शरत कटारिया की फिल्म 'सुई धागा' में अपने कैरेक्टर में निखर कर सामने आए हैं.

करण जौहर, जोया अख्तर की एसी वाली दुनिया से कोसों दूर, आम आदमी की ऐसी-तैसी जिंदगी वाली इस तरह की फिल्म बाॅलीवुड के नए फ्लेवर में शुमार करने लायक है.

कहानी है पति मौजी और उसकी पत्नी ममता की. ‘सब ठीक है..’ बोलकर मौजी जिंदगी चला रहा होता है और सिर पर पल्लू डाले घरवालों की बात मानती आज्ञाकारी ममता गृहस्थी चला रही होती है. फिर मौका आता है सुई में धागा डालने का.

0

मौजी के दादा सिलाई-कढ़ाई का काम करते थे मगर बिगड़े हालत की वजह से वो काम बंद हो गया और मौजी के पिता और खुद मौजी, घर चलाने के लिए नौकरी करते हैं. नौकरी में बेइज्जती देख मौजी की पत्नी कुछ अपना करने को कहती है और मौजी नौकरी छोड़ सिलाई मशीन लेकर निकल पड़ता है पुराने पेशे को फिर से खड़ा करने के लिए. घरवाले उसके इस फैसले से खुश नहीं होते हैं. लेकिन इस काम में उसका साथ देती है पत्नी ममता.

वरुण धवन मौजी के रोल में हैं और अनुष्का शर्मा ममता बनी हैं. दोनों ने पर्दे पर अपना रोल बखूबी निभाया है. इन एक्टर्स को अपना ग्लैम अवतार छोड़ इस रोल में देखना अच्छा लगेगा.

हालांकि फिल्म देखते वक्त आपको मालूम रहेगा कि आगे क्या होने वाला है लेकिन जिस तरह से कहानी को परोसा गया है, वो आपकी उत्सुकता बनाए रखेगी. फिल्म में आंखों-आंखों का प्यार, साइलेंट मोड पर काम करते रहना, इन बारीकियों ने फिल्म में कमाल दिखाया है. हमेशा लड़ने वाली भाभी, हमेशा चिंता में डूबी रहने वाली मां या खड़ूस बाॅस...सपोर्टिंग एक्टर की भी एक्टिंग फिल्म में जान डालती दिखती है. मौजी के पिता की रोल में रघुवीर यादव एक्टिंग के भी बाप निकले.

फिल्म से जो उम्मीद थी वो देखने के बाद पूरी हो जाती है. छोटी, साफ-सुथरी, पारिवारिक फिल्म है. मैं देती हूं इस फिल्म को 5 में से 3 क्विंट.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×