ADVERTISEMENTREMOVE AD

फिल्म 'पृथ्वीराज चौहान' पर विवाद, गुर्जर और राजपूत समाज ने दी चेतावनी

फिल्म के टाइटल को लेकर राजपूत समाज के नेताओं ने आपत्ति जताई है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

अक्षय कुमार की फिल्म 'पृथ्वीराज चौहान' का टीजर रिलीज होते ही विवाद शुरू हो गया है. फिल्म की रिलीज से पहले प्रदेश के राजपूत और गुर्जर समाज ने पृथ्वीराज (Prithviraj) को अपने-अपने समाज का सम्राट होने का दावा करते हुए ऐतराज जताया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दोनों ही समाज के नेताओं ने अपने-अपने तथ्यों को सही होने का दावा करते हुए फिल्म मेकर्स को धमकी दी है.

मिहिर आर्मी संगठन के चीफ हिम्मत सिंह गुर्जर ने तो सोशल मीडिया पर लिखकर धमकी दी है.

गुर्जर ने कहा है कि सम्राट पृथ्वीराज के जीवन पर आधारित बन रही फिल्म का टीजर आ रहा है. यशराज बैनर अगर इस फिल्म में गुर्जर समाज के इतिहास के साथ छेड़छाड़ करता है तो इसका अंजाम बुरा होगा. हम इतिहास बचाने की लड़ाई लिए पहले से तैयार हैं.

0

हिम्मत सिंह का दावा है कि पृथ्वीराज के बारे में जो दिखाया गया है वह बहुत ही काल्पनिक है. इतिहास और उपलब्ध शिलालेखों के अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं ने भी माना है कि चंद बरदाई ने राजा के शासनकाल के लगभग 400 साल बाद 16वीं शताब्दी में किताब लिखी थी, यही विवाद का विषय है.

गुर्जर समाज को जानकारी मिली है कि फिल्म पृथ्वीराज रासो के उस महाकाव्य पर आधारित है जिसे ब्रज और राजस्थानी भाषा में प्रसिद्द कवि चंद बरदाई ने लिखा है.

गुर्जर नेताओं का कहना है कि ये हमेशा से विवाद का विषय रहा है कि चंद बरदाई सम्राट के दरबार में कवि थे.

गुर्जरों से ही हुए राजपूत

गुर्जर नेताओं ने कहा कि चंद बरदाई की किताब में सम्राट पृथ्वीराज के बारे में बहुत सारी अटकलें हैं.

उदाहरण के लिए, किताब कहती है कि- पृथ्वीराज एक राजपूत राजा था, जो पूरी तरह से गलत है. दरअसल, 13वीं शताब्दी से पहले राजपूत कभी अस्तित्व में थे ही नहीं. हम ऐतिहासिक दस्तावेजों के माध्यम से साबित कर सकते हैं कि गुर्जर अनादि काल से अस्तित्व में रहे हैं. यह केवल 13वीं शताब्दी के आसपास था, जब गुर्जरों का एक गुट राजपूतों में परिवर्तित हो गया था. इस तरह से कुछ राजपूत वंश मूल रूप से गुर्जरों की ही शाखा थे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

राजपूत समाज को फिल्म के टाइटल पर आपत्ति

फिल्म के टाइटल को लेकर राजपूत समाज के नेताओं ने आपत्ति जताई है.

समाज के नेताओं का कहना है कि सम्राट पृथ्वीराज चौहान राष्ट्र गौरव हैं और राजपूत समाज की अस्मिता के प्रतीक हैं. उनकी जीवनी पर बन रही फिल्म को सम्मान दिया जाना जरूरी है. फिल्म में इतने बड़े सम्राट की उपेक्षा और अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने स्पष्ट रुप से कहा कि गुर्जरों की ओर से इस तरह के दावे पहले क्यों नहीं हुए, सिर्फ फिल्म रिलीज से पहले इस तरह के दावे करना सही नहीं है. मैं खुद पृथ्वीराज चौहान के वंशज परिवार से ताल्लुक रखता हूं. कुछ चंद लोग ही इस तरह की आपत्ति उठा रहे हैं, जिसका कोई औचित्य नहीं है.

अंतिम क्षत्रिय हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान पर बनने वाली फिल्म का आज टीजर रिलीज किया गया है. फिल्म का टाइटल केवल 'पृथ्वीराज' रखा गया है, जिस पर हमें आपत्ति थी. सम्राट पृथ्वीराज चौहान एक बड़े योद्धा रहे हैं, उन्हें फिल्म के टाइटल में ही सम्मान नहीं दिया गया है, तो इससे पूरी फिल्म का भी अंदाजा लगाया जा सकता है. एक बार फिर फिल्मकारों से मांग है कि फिल्म रिलीज से पहले फिल्म का टाइटल बदलें, उसके बाद आगे की बात की जाएगी.
महिपाल सिंह मकराना, राष्ट्रीय अध्यक्ष, करणी सेना
ADVERTISEMENTREMOVE AD

लीड रोल में अक्षय कुमार और मानुषी छिल्लर

फिल्म में एक्टर अक्षय कुमार और एक्ट्रेस मानुषी छिल्लर मुख्य भूमिका में हैं. फिल्म का टीजर 15 नवंबर को जारी किया गया है, जबकि फिल्म जनवरी 2022 में रिलीज होगी. इस फिल्म को लेकर ऐलान के साथ ही राजपूत समाज के नेताओं ने इतिहास से छेड़छाड़ की आशंका व्यक्त करते हुए फिल्म निर्माण से जुड़े लोगों से भी बात की थी. फिल्म 'पृथ्वीराज' यशराज फिल्म के बैनर तले बनी है, जिसका निर्देशन चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने किया है.

बता दें कि इस फिल्म के निर्माण के साथ ही विवाद शुरू हो गया था. करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने राजस्थान में फिल्म शूटिंग को भी रुकवा दिया था. हालांकि उसके बाद कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन लग जाने कारण फिल्म की आगे की शूटिंग मुंबई में ही पूरी हुई.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×