वेब सीरीज ‘महारानी’ में हुमा के किरदार को लेकर विवाद गहरा गया है. इस वेब सीरीज में हुमा रानी भारती नाम के किरदार में हैं, जिसका पति सीएम रहता है, लेकिन जब उसपर जानलेवा हमला होता है तो घायल सीएम अपनी पार्टी के सभी नेताओं को दरकिनार करते हुए अपनी पत्नी रानी को सीएम बना देता है. अब ये कहानी भले ही वेब सीरीज की है, लेकिन इसको लोग बिहार के एक राजनीतिक घराने से जोड़कर देख रहे हैं.
हुमा के इस किरदार को बिहार की मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के किरदार से जोड़ा जा रहा है, कई लोग इसी बहाने राबड़ी देवी पर कमेंट भी करने लगे. कुछ लोगों ने राबड़ी देवी की पढाई को लेकर कटाक्ष किया तो कोई सीधे लालू परिवार पर हमला करने लगा.
अपने परिवार पर उंगलियां उठीं तो खुद लालू की बेटी रोहिणी मैदान में उतर आईं और उन्होंने सीधे बिहार सरकार को ही कठघरे में खड़ा कर दिया.
JDU नेता नीरज कुमार रोहिणी का जवाब देते हुए कहा कि बालिका कांड में तो सजा हो रही है, कार्रवाई हुई क्या?
बता दें कि वेब सीरीज के ट्रेलर आने के बाद ही एक डायलॉग को लेकर विवाद गहराने लगा था . हम आपको बताते हैं कि आखिर वो डायलॉग है क्या था.
हमसे 50 लीटर दूध दुहा लीजिए.... पांच सौ गोबर का गोयठा ठोंका लीजिए, लेकिन एक दिन में इतनी फाइल पर अंगूठा नहीं लगा सकती !)
वेब सीरीज में 90 के दशक का बिहार दिखाया गया है. बिहार के सीएम गोली लगने के बाद अपनी चौथी पास बीवी को सीएम बना देता है, जिसे साइन करना भी नहीं आता वो फाइलों को बिना पढ़ें अंगूठा लगाती है.
वेब सीरीज में हुमा जिस तरह से ठेठ बिहारी अंदाज में अपना किरदार निभा रही हैं, उसे देखकर लोगों को वो दौर याद आ रहा है, जब लालू प्रसाद यादव ने राबड़ी तो अपना उत्तराधिकारी बनाकर सीएम बनाया था.
लालू ने राबड़ी को बनाया था सीएम
जब लालू यादव पर करप्शन के आरोप लगे थे, तो उन्होंने राबड़ी देवी को सीएम बना दिया था. राबड़ी भी कम पढ़ी लिखी थीं. इसको लेकर भी काफी विवाद हुआ था. अब वेब सीरीज की कहानी भी बिहार की है और बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री राबड़ी देवी थी,
रातों रात राबड़ी बनी थी सीएम
1997 में जब राबड़ी देवी सीएम बनीं तो ये घटना पूरे देश के लिए हैरान करने वाली थी. राजनीतिक गलियारों में कहा जाता है कि लालू जब करप्शन केस में फंसने लगे और उनको अपनी कुर्सी खतरे में नजर आने लगी तो उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी को कुर्सी सौंप दी जो उससे पहले राजनीति के बारे में कुछ भी नहीं जानती थीं. उनकी पहचान महज लालू की पत्नी की थी,
लालू अपनी आत्मकथा में भी लिखते हैं कि 24 जुलाई को 1997 को उन्होंने अपने निवास पर विधायकों की बैठक बुलाई थी और विधायकों ने मिलकर राबड़ी देवी के नाम पर मुहर लगाई थी. उसके बाद लालू की चारा घोटाले में गिरफ्तारी के चलते सीएम की कुर्सी छोड़ दी और राबड़ी किचन से निकलर सीधे बिहार के सीएम की कुर्सी पर पहुंच गईं.
अब वेब सीरीज महारानी के मेकर्स भले इसको काल्पनिक कहानी बता रहे हैं, इसकी कहानी लालू परिवार से मिलती जुलती ही लगती है.
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