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राखी पर धर्मेंद्र को याद आई वो बहन, जिसकी बालकनी में सोते थे

राखी पर धर्मेंद्र को आई अपनी किस बहन की याद

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रक्षा बंधन से ठीक एक दिन पहले बॉलीवुड के हीमैन धर्मेंद्र ने अपनी उस बहन को याद किया है, जिसने उन्हें गुरबत के दिनों में पनाह दी थी. संघर्ष के दिनों में जब धर्मेंद्र के सिर पर छत नहीं थी, तब उस बहन ने ही उन्हें अपनी बॉलकनी में रहने की जगह दी, जिससे वो सालों पहले राखी बंधवाया करते थे. धर्मेंद्र ने ट्विटर पर अपनी उस बहन को याद करते हुए लोगों की राखी की बधाई दी है.

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धर्मेंद्र ने अपने ट्टीट में लिखा है-

मेरे गांव की इस देवी जांलवा ने मेरी जद्दोजहद के दिनों में मटुंगा रोड पर अपने रेलवे क्वॉर्टर की बॉलकनी में रहने की जगह दी थी, वो हर साल मुझे राखी बांधती थी वो अब इस दुनिया में नहीं हैं, राखी के दिन उनकी बहुत याद आती है.

धर्मेंद्र आज भले ही करोड़ों के बंगले में रहते हैं, लेकिन एक दौर ऐसा था, जब उनके पास खाने तक के पैसे नहीं थे. हीरो बनने का सपना लेकर वो मुंबई तो पहुंच गए थे, लेकिन उनके पास रहने का ठिकाना तक नहीं था. कई दिनों तक धर्मेंद्र वर्सोवा के एक गैरेज में रहा करते थे, कभी-कभी तो उनके पास खाने तक के पैसे नहीं होते थे.

जावेद अख्तर ने अपने एक शो में जिक्र करते हुए कहा था कि धर्मेंद्र ने सालों पहले एक रेडियो इंटरव्यू में बताया था कि एक बार वो एक गाने ‘मुझको इस रात की तन्हाई में इतना याद ना करो’ की रिकॉर्डिंग के लिए ये उम्मीद करके पहुंचे थे, कि प्रोड्यूसर से कुछ पैसे मिलेंगे तो खाना खा लेंगे, लेकिन वो प्रोडयूसर आए ही नहीं तो धर्मेंद्र को पैदल वापस आना पड़ा.

आज जब मैं इतने बड़े घर में रहता हूं, मेरे पास गाड़ियां हैं नौकर हैं, लेकिन आज भी जब ये गाना सुनता हूं तो मुझे लगता है कि मैं भूखा हूं, फुटपाथ पर पैदल चल रहा हूं.
धर्मेंद्र 

धर्मेंद्र आज आलीशान घर में रहते हैं, लेकिन फिर भी जमीन से जुड़े हैं. उनका ज्यादातर वक्त लोनावला के एक फॉर्महाउस में बीतता है. जहां वो खेती करते हैं, अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर शेयर करते हैं, वो आज भी खुद को एक आम इंसान की तरह देखते हैं.

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