1967 में आई सुपरहिट फ्रेंच फिल्म Le Samourai को जब आप देखते हैं, तो फिल्म में जैफ कॉस्टेलो का किरदार चाहकर भी भुला नहीं पाते. हॉलीवुड स्टार एलियन डेलॉ ने इस शातिर किरदार को निभाया था, जिसे फ्रेंच फिल्म डायरेक्टर जीन पियरे मेलविल ने गढ़ा था. फिल्म बनाते वक्त मेलविल को यह पता था कि वो एलियन की हैंडसम पर्सनेलिटी को फिल्म के लिए एक पोकर फेस के तौर पर इस्तेमाल करेंगे. मेलविल ने ऐसा किया भी.
फिल्म में जैफ कॉस्टेलो के किरदार में एलियन को पूरी तरह भावहीन रखा गया और उनके लुक्स पर सबसे ज्यादा फोकस किया गया. मेलविल की यह तरकीब कामयाब रही और वह अपने दर्शकों को बांधकर रख पाए. वहीं एलियन को भी अपने इस किरदार की लोकप्रियता का मुनाफा हुआ.
बहरहाल, यह सब आज इसलिए याद किया जा रहा है, क्योंकि आज इंडियन हिटमैन कहे जाने वाले सुपरस्टार धर्मेंद्र का जन्मदिन है. धर्मेंद्र आज 80 साल के हो गए हैं. हालांकि धर्मेंद्र को भी उन इंडियन सुपरस्टार्स में गिना जाना चाहिए, जिन्हें अपने पूरे करियर में मेलविल जैसे डायरेक्टर नहीं मिले, जो उनकी एक्टिंग और लुक्स के साथ सही ट्रीटमेंट कर पाते.
गौरतलब है कि मीना कुमारी के कहने पर साल 1966 में आई फिल्म ‘फूल और पत्थर’ में पहली बार किसी इंडियन एक्टर ने कमीज उतारकर अपना सीना दिखाया था. वो धर्मेंद्र ही थे, जबकि उस दौर में किसी एक्टर का कमीज उतारना, एक रिस्क के तौर पर देखा जाता था.
धर्मेंद्र के करियर की शुरुआत फिल्मफेयर के न्यू टैलेंट अवॉर्ड विजेता के तौर पर हुई. सौ से ज्यादा फिल्मों की फेहरिस्त में उनका नाम दर्ज है. ‘शोले’ जैसी फिल्मों में धर्मेंद्र को एक ऐसे एक्टर के तौर पर दिखाया गया, जो बोलता कम और मारता ज्यादा है. वह देसी है और किसी भी विलेन को पछाड़ सकता है.
वहीं डायरेक्टरों का दूसरा धड़ा, जिसमें ऋषिकेश मुखर्जी जैसे लोग शामिल रहे, वो धर्मेंद्र के चार्म को भुनाते रहे. उन्होंने धर्मेंद्र को एक ऐसे एक्टर के तौर पर पहचान दिलाई, जो हल्की हया के साथ मुस्कुराता है और लोगों के दिल जीत लेता है. लेकिन बावजूद इसके किसी ने भी धर्मेंद्र को उनकी बॉडी में निहित एक ग्रीक गॉड वाली खूबसूरती को नहीं पहचाना, जिसके लिए फीमेल फैंस उन्हें लगातार फॉलो करती रहीं.
राज कपूर, दिलीप कुमार और देव आनंद के स्वर्णिम दौर के बाद राजेश खन्ना और एंग्री यंगमैन कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन को जो यश हासिल हुआ, वो उसी दौर में एक्टिंग कर रहे धर्मेंद्र को कभी नहीं मिला, जबकि वे भी वैसी ही कीर्ति पाने की खूबी रखते थे.
बहरहाल, वक्त को फेरा नहीं जा सकता. लेकिन यह कल्पना जरूर की जा सकती है कि 60 के दशक से अब तक हिंदी सिनेमा बना रहे डायरेक्टर्स को अगर यह समझ होती कि फाइन लुक्स रखने वाले एक उम्दा सुपरस्टार को कैसे ट्रीट किया जाता है, तो धर्मेंद्र का कद यकीनन इंडियन सिनेमा में एक ग्रीक गॉड का ही होता.
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