फ्रेडी (Freddy) गिनवाला (कार्तिक आर्यन) एक अजीब सा डेंटिस्ट है, जो प्यार पाने की कोशिश कर रहा है लेकिन असफल हो रहा है. वह कई लड़कियों से मिलता है लेकिन बात नहीं बन पाती. इस वजह से कई लोग उसे चिढ़ाते हैं खासकर मर्दानगी दिखाने वाले पुरुष.
कार्तिक आर्यन द्वारा निभाया गया फ्रेडी बहुत ही एक्सपेरिमेंटल पात्र है और ये कई हद तक सफल भी हुआ क्योंकि फिल्म का यह चरित्र कभी भयानक दिखता है तो कभी उस पर दया आती है. यानी वो चरित्र ऐसा है कि आप उसे हीरो की भावना से नहीं देख पाते (और यह कहानी किसी हीरो की नहीं है.)
अब देखिए इसमें कैसे विचित्र किस्म के दृश्य फिल्माए हैं जैसे एक दृश्य में फ्रेडी अजीब तरह से नाचता हुआ दिखाया गया है और उस समय उसका पालतू कछुआ हार्डी (जो उसका सबसे अच्छा दोस्त है?) उसे देख रहा होता है.
फिल्म में काइनाज का किरदार निभा रही अलाया एक ऐसी औरत है जो घरेलू हिंसा का शिकार है. फिल्म देख कर लगता है कि काइनाज उसे छोड़ क्यों नहीं देती? हालांकि पूरी फिल्म में उसे घरेलू हिंसा का शिकार बताया गया लेकिन फिर भी फिल्म इस मसले पर कुछ खास नहीं बता पाती.
अलाया का किरदार ज्यादातर दृश्यों में शानदार है लेकिन फिर कुछ दृश्यों में लगता है कि किरदार भटक गया है. फिल्म का दूसरा हिस्सा ज्यादा अच्छा है जो दर्शकों को बांध कर रखता है. अब ये देखने वाली बात होगी की अलाया का किरदार क्या ऐसी सुंदर औरत का है जो लोगों की जिंदगी को बर्बाद कर देती है.
शशांक घोष द्वारा निर्देशित फिल्म के बाकी किरदारों की बात करें तो एक किरदार है जिसका नाम प्रोटीन शेक (क्योंकि वह दिखने में बॉडी बिल्डर है) है लेकिन उसे लेकर ऐसी कोई पीछे की कहानी नहीं दिखाई गई, जिससे ये किरदार स्थापित हो सके. फिर दो महिलाएं जो फ्रेडी की रिश्तेदार हैं उनका किरदार भी केवल फ्रेडी से सवाल करता हुआ और उसका हौसला बढ़ाते हुए दिखाया गया बाकी उनसे जुड़ी कोई कहानी नहीं बताई गई.
अच्छी थ्रिलर फिल्म वो होती है जो अपने दर्शकों को चकमा देती रहती है लेकिन फ्रेडी ऐसा करने में ज्यादा सफल नजर नहीं आए.
शुरुआत में लगता है कि फ्रेडी और काइनाज का किरदार चालाक है लेकिन धीरे धीरे लगने लगता है कि इन दोनों किरदारों ने क्राइम पेट्रोल भी नहीं देखा है.
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