बॉलीवुड एक्टर इरफान खान ने हाल ही में आतंकवाद पर तीखी टिप्पणियां करने के बाद ढाका में हुए आतंकी हमले पर अपनी बात रखी है. मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इरफान के बयानों का पुरजोर विरोध किया है.
लेकिन इरफान ने ढाका आतंकी हमले पर एक मार्मिक टिप्पणी की है, जिसमें उन्होंने इस्लाम धर्म के बुनियादी उसूलों और शांति की बात कही है.
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बचपन में मजहब के बारे में कहा गया था कि आपका पड़ोसी भूखा हो, तो आपको उसको शामिल किए बिना अकेले खाना नहीं खाना चाहिए. बांग्लादेश की खबर सुनकर अंदर अजीब वहशत का सन्नाटा है...कुरान की आयतें न जानने की वजह से रमजान के महीने में लोगों का कत्ल कर दिया गया. हादसा एक जगह होता है, बदनाम इस्लाम और पूरी दुनिया का मुसलमान होता है. वो इस्लाम जिसकी बुनियाद ही अमन, रहम और दूसरों का दर्द महसूस करना है. ऐसे में क्या मुसलमान चुप बैठा रहे और मजहब को बदनाम होने दे? या वो खुद इस्लाम के सही मायने को समझे और दूसरों को बताए कि जुल्म, कत्ल-ओ-घरात (जनसंहार) करना इस्लाम में नहीं है. ये एक सवाल है!!
सोशल मीडिया पर इरफान खान के इस कमेंट को जबरदस्त सपोर्ट हासिल हुआ है.
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